Positive news

अब बर्ड वाचिंग डेस्टिनेशन बनेगी अलकनंदा घाटी

शीतकाल में ज्योतिर्मठ क्षेत्र में नजर आए कौमन स्नाइप, इंडियन पोंड हैरन, नाॅर्दन पिनटेल और कार्मोरेंट जल काग वेगटेल पक्षी

  •  संजय चैहान

 

उत्तराखण्ड में गर्मी की तपिश बढ़ने के साथ साथ वातावरण के अनुकूल होने पर प्रवासी पक्षियों के वापस लौटने का सिलसिला भी अब थमने को है। इसमें से कई प्रजाति के पक्षी अपने मूल निवास की ओर पलायन करते समय कुछ समय गढ़वाल हिमालय के अलक नन्दा जांस्कर घाटी के पैसेजों और अलकनन्दा नदी तट के आस-पास विचरण करते हुए नजर आ रहे हैं। खासकर प्रवासी कौमन स्नाइप पक्षी (गैलीनागो गैलीनागो) इन दिनों ज्योतिर्मठ की शांत सुरमई लाम बगड़ घाटी के वेनाकुली में अलक नन्दा नदी के तट पर दिखाई देने से काफी सुर्खियों में है,ये जोशीमठ क्षेत्र के पक्षी अवलोकन प्रेमियों के लिए भी अच्छी खबर है।

दरअसल इस खूबसूरत पक्षी को अपने कैमरे में कैद कर पक्षी अवलोकन प्रेमियों के सम्मुख लाने का श्रेय जाता है राष्ट्रीय पार्क गोविंद घाट रेंज ज्योतिर्मठ की वन क्षेत्र अधिकारी चेतना काण्डपाल को जिन्होंने निगरानी दल के साथ खिरों वैली क्षेत्र भ्रमण के दौरान इस जलीय प्रवासी पक्षी कोमन स्नाइप को बदरीनाथ हाईवे वेनाकुली लामबगड़ क्षेत्र में विचरण करते हुए अपने कैमरे में कैद किया। यह प्रवासी पक्षी इस क्षेत्र में पहली बार आया है। इन पक्षियों की आमद ऊपरी हिमालयी क्षेत्रों में होने से सीमांत के पक्षी अवलोकन प्रेमी और बर्ड वाचिंग एक्सपर्ट भी खासे उत्साहित हैं। निचले मैदानी वेटलैंड इलाकों में गर्मी का सीजन शुरू होने से अब शीतकाल में प्रवास हेतु पहुंचे प्रवासी पक्षियों का दल धीरे-धीरे अपने वतन वापस लौटने लगा है। अब ये प्रवासी पक्षी अगली शरद ऋतु में एक बार फिर यहां दस्तक देंगे।

ठंडे देश साइबेरिया, मध्य एशिया, मंगोलिया, चीन, रूस के पूर्वी क्षेत्र से हर साल प्रवासी पक्षी कालागढ़ क्षेत्र, यमुना घाटी,आसन बैराज क्षेत्र, गंगा तट हरिद्वार, इलाकों में पहुंचते हैं। इस दौरान पिछले कुछ वर्षों से लगातार कुछ जलीय/वेट लैंड पक्षी की प्रजातियां ज्योतिर्मठ क्षेत्र में आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। इन पक्षियों ने कुछ माह के लिए ज्योतिर्मठ के विष्णु प्रयाग से लेकर नरसिंह मंदिर,डांडो, औली नाला, औली लेक, ताली लेक,लाम बगड़, वेनाकुली छेत्र को अपना नया ठौर ठिकाना बनाया है। बात अगर सूबे के पहले सरहदी नगर ज्योतिर्मठ की करें तो यहां नगर क्षेत्र, औली कृत्रिम झील, ताली लेक से लेकर अलक नन्दा घाटी के विष्णु प्रयाग, वेनाकुली लाम बगड़ क्षेत्र तक इस बार प्रवासी पक्षियों का बड़ी संख्या में आना हुआ, खासकर नम दलदली, वेटलैंड भूमि, तालाब, नदी, नालों के किनारे दिखने वाले इन खूबसूरत प्रवासी पक्षियों कौमन स्नाइप (गैलीनागो गैलीनागो), इंडियन पोंड हैरन (अरडीओला ग्रेई) ओर इंडियन कौरमोरेंट (फ्रेलाकोरेक्स फ्यूसीकोलिस) जल काग सहित इस सर्दियों में औली लेक में नजर आई। प्रवासी उत्तरी पिंटेल (अनास एक्यूटा) बत्तख खंजन पक्षी, डबलिंग बत्तख (गैडवाॅल) जैसे पक्षियों की दस्तक आने वाले दिनों में इस सीमांत क्षेत्र को बर्ड वाचिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए योजना बनाई जा रही है। यहां आने वाले पक्षी प्रेमियों और बर्ड वाचिंग के शौकिया पर्यटकों के लिए यह क्षेत्र आकर्षण का केंद्र बनेगा। बता दें कि ज्योतिर्मठ नगर क्षेत्र के रविग्राम, डांडो, जीरो बैंड, खंचा तोक इलाकों में वर्ष 2022 में कुरजां/डेमोइसेल सारस, प्रवासी पक्षी का आना काफी चर्चा में रहा था। यह पक्षी मध्य यूरेशिया (कृष्ण सागर से मंगोलिया व पूर्वोत्तरी चीन) में निवास करते हैं, लेकिन प्रजनन के लिए यह भारत में शीतकालीन निवास करते हैं। इस दौरान इन प्रवासी पक्षियों का बड़ा दल जोशीमठ नगर क्षेत्र में भी नजर आया था। वहीं प्रत्येक वर्ष साइबेरियन प्रवासी सुर्खाव पक्षी के साथ-साथ कई प्रवासी पक्षियों के आने का सिलसिला उत्तराखण्ड में शुरू हो जाता है। ये प्रवासी पक्षी मार्च-अप्रैल माह तक अपने वतन लौट जाते हैं। इन्हें इन दिनों उत्तराखण्ड में उपयुक्त जलवायु मिलती है, साथ ही काफी मात्रा में भोजन और पानी भी उपलब्ध हो जाता है। लिहाजा प्रवासी पक्षियों को इस क्षेत्र में आने में कोई दिक्कत नहीं होती है। लेकिन ऊपरी अलकनन्दा घाटी क्षेत्र में जल विद्युत परियोजनाओं के चलते नदियों के प्राकृतिक बहावों में हुए परिवर्तन, नदी तटों में हो रहे खनन और मछलियों की गैर मौजूदगी से आए भोजन संकट जैसे कारणों से इन प्रवासी पक्षियों का मूवमेंट इन पहाड़ी इलाकों में कम है। लिहाजा इस तरह की दुर्लभ प्रवासी पक्षी प्रजातियां इन घाटियों में दिखना सीमांत क्षेत्र के पक्षी प्रेमियों के लिए बड़ी खबर है।

जोशीमठ के लामबगड़ क्षेत्र में बेनाकुली अलकनन्दा नदी तट पर दिखाई दिए प्रवासी कोमन स्नाइप पक्षी की बाबत जलीय जीवों के बर्ड वाचिंग एक्सपर्ट आशीष कुमार का कहना है कि वेनाकुली लाम बगड़ क्षेत्र में आया जलीय पक्षी काॅमन स्नाइप विंटर विजिटर प्रवासी पक्षी है जो गर्मी आते ही अपने मूल देश पलायन करते समय कुछ समय के लिए अलकनन्दा घाटी के हिमालयी पैसेज में रुका होगा तभी ये पक्षी यहां दिखाई दिया होगा। वहीं जोशीमठ क्षेत्र में पक्षी अवलोकन पर शोध कर रहे ईको पर्यटन एक्सपर्ट संजय कुंवर ने बताया कि उन्होंने भी पिछले डेढ़ दो सालों से क्षेत्र में लगातार इंडियन पोंड हैरन (अंधा बगुला) इंडियन कार्मोरेंट (पन कौवा) सहित प्रवासी उत्तरी पिनटेल बत्तख सहित अन्य जलीय पक्षी प्रजाति पर गहनता से अवलोकन किया है, ये पक्षी बड़े आराम से यहां के प्राकृतिक वातावरण में खुद को ढाल रहे हैं और समय पूरा होने पर वापस अपने मूल वतन भी लौट रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले इस क्षेत्र में प्राकृतिक तालाबों, पोखरों, नदी तटों पर काफी पन कव्वे नजर आते थे। लेकिन अब इनमें भी कमी आई है।

You may also like

MERA DDDD DDD DD