एक तरफ पूरा देश अमेरिका जैसे शक्तिशाली राष्ट्र संग भारत की तुलना करने में मुग्ध है, ‘हाउडी मोदी’ की चर्चा गली-गली, गांव-गांव में है तो दूसरी तरफ आर्थिक मंदी के चलते बढ़ रही निराशा से भाजपा नेताओं की नींद उड़ चुकी है। हरियाणा और महाराष्ट्र के भाजपा नेता ज्यादा परेशान बताए जा रहे हैं। कारण है उद्योग-धंधों से लेकर नौकरियों पर पड़ रही आर्थिक मंदी की मार। चूंकि इन दोनों ही राज्यों में भाजपा की सरकार है इसलिए चुनाव प्रचार में जुटे नेताओं को समझ नहीं आ रहा कि कैसे वोटर को समझाया जाए और कैसे उनके उत्तरों का जवाब दिया जाए। हरियाणा में विशेषकर पार्टी नेता दबी जुबान से ही सही लेकिन चर्चा करते सुने जा रहे हैं कि पूरे पांच साल खट्टर सरकार खटारा कार की तरह चलती रही जिसके चलते मोदी के समर्थक वोटर भी खासे नाराज हैं। ऐसे नेताओं का हालांकि यह भी मानना है कि मोदी का चमत्कार एक बार फिर पार्टी की सरकार राज्य में बना पाने में सफल हो जाएगा। महाराष्ट्र में भी हालात कुछ ऐसे ही हैं। अपने बड़े और विश्वस्त नेताओं के भाजपा में शामिल होने से खासे नाराज शरद पवार अब अपनी पूरी ताकत राज्य में भाजपा की सरकार हटाने पर लगा चुके हैं।
राजनीति के पुराने चावल की नाराजगी उनके हमलावर तेवरों से साफ झलक रही है। कांग्रेस भी पूरी ताकत से पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस संग मिलकर चुनाव मैदान में कूद चुकी है।
आर्थिक मंदी से बढ़ता भाजपा का संकट

