दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार का असर दूसरे राज्यों में भी महसूस किया जा रहा है। महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी में इसके चलते दरार की स्थिति पैदा हो गई है। उद्धव सेना ने इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताते हुए कहा है कि आम आदमी पार्टी तो गठजोड़ चाहती थी लेकिन कांग्रेस ने ही उसे भाव नहीं दिया। अंत में दोनों दल अकेले चुनाव लड़े तो करारी हार हुई। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में सवाल उठ रहे हैं कि कांग्रेस को लेकर उद्धव सेना इतनी आक्रामक क्यों है? क्या बीएमसी चुनाव से पहले उद्धव सीट शेयरिंग के लिए कांग्रेस पर दबाव बनाना चाहते हैं।

राजनीतिक पंडितों का कहना है कि कुछ समय बाद ही महाराष्ट्र में मुम्बई समेत कई शहरों के निकाय चुनाव होने हैं। ऐसे में सीटों को लेकर खींचतान से पहले उद्धव कांग्रेस पर दबाव बनाने की कोशिश में है। एनसीपी का जनाधार मराठवाड़ा के ग्रामीण इलाकों में माना जाता है। ऐसे में स्थानीय निकाय को लेकर उद्धव सेना और कांग्रेस के बीच खींचतान हो सकती है। ऐसी स्थिति में उद्धव सेना पहले ही प्रेशर पाॅलिटिक्स खेलने लगी है। गौरतलब है कि बीते सप्ताह ही आदित्य ठाकरे और संजय राउत ने दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी से मुलाकात की थी। संजय राउत ने लिखा कि अरविंद केजरीवाल ने बताया कि कांग्रेस तो भाजपा की बजाय उन्हें ही हराने की ज्यादा इच्छुक थी। अरविंद केजरीवाल ने हमें जो जानकारी दी वह कांग्रेस को एक्सपोज करने वाली थी। हमने अरविंद केजरीवाल से पूछा कि आखिर आपने कांग्रेस के साथ चुनाव में गठबंधन क्यों नहीं किया। इस पर केजरीवाल ने कहा कि यह बात गलत है हम तो उनके साथ गठजोड़ के पूरी तरह पक्ष में थे।

