सिने अभिनेता अक्षय कुमार को साक्षात्कार देते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तारीफों के पुल बांधे वे बोले कि दीदी मेरे लिए कुर्ता और मिठाई भेजती हैं। रसगुल्ले भेजने की बात भी कही। तब लग रहा था कि इस बात को सुनकर दीदी यानी ममता बनर्जी के मुंह में लड्डू फूटेंगे और उनकी तरफ से कोई अच्छी खबर सुनने को मिलेगी। लेकिन इस साक्षात्कार के एक सप्ताह बाद ही दीदी का जो रूप सामने आया उससे लगा कि रसगुल्ले तो हसगुल्ले बन गए। दीदी ने मोदी के रसगुल्ले वाली बात का जवाब देते हुए कहा कि बंगाल के लोग उन्हें वोट के बजाय मिट्टी से बने रसगुल्ले देंगे। जिसमें पत्थर भरे होंगे। जिससे उनके दांत टूट जायेंगे। इस पर मोदी का जवाब भी कम दिलचस्प नहीं था। वह बोले वह मेरे लिए प्रसाद की तरह होगा। मैं बंगाल की पवित्र धरती की मिट्टी से बने रसगुल्ले पाकर धन्य हो जाऊंगा। यह राम कृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और रविन्द्रनाथ टेगौर की धरती है। लेकिन 29 अप्रैल 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह कहकर मामले को उलझा दिया कि उनके संपर्क में दीदी के 40 विधायक हैं। मोदी ने इस दिन धीरामपुर की एक चुनावी रैली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि दीदी इस चुनाव का परिणाम आने के बाद आपके अपने विधायक भी आपका साथ छोड़ देंगे। आपके 40 विधायक आपको छोड़ देंगे। आपके पैर के नीचे से राजनीतिक जमीन खिसक गई है। यही नहीं बल्कि मोदी ने दीदी के अक्सर गुस्सा होने के संबंध में भी चुटकी लेते हुए कहा कि ऐसा इसलिए है कि वह हार महसूस कर रही हैं। मोदी की टिप्पणियों को लेकर दीदी बहुत गुस्से में हैं।
गुस्से में दीदी

