उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी भाजपा के मौजूदा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चैधरी का कार्यकाल इस साल की शुरुआत में खत्म हो गया था। पिछले कुछ दिनों में पार्टी ने मध्य प्रदेश, उत्तराखण्ड, तेलंगाना सहित कई राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों का ऐलान कर दिया है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि राजनीतिक लिहाज से बेहद अहम उत्तर प्रदेश में भी पार्टी जल्द ही अपने नए अध्यक्ष का ऐलान कर सकती है। इस दौड़ में कई नाम सामने आने लगे हैं लेकिन सबसे आगे मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के पसंदीदा स्वतंत्र देव सिंह का नाम चल रहा है। गौरतलब है कि 2024 लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही पार्टी बेहद सतर्क है और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य के अध्यक्ष पद के चयन में वह किसी तरह की जल्दबाजी नहीं करना चाहती है। इसके लिए पार्टी जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को पूरी तरह परख रही है। मुख्यमंत्री पद पर योगी आदित्यनाथ हैं इसलिए इस बात की सम्भावना बहुत कम है कि प्रदेश अध्यक्ष के पद पर किसी सामान्य वर्ग के नेता को मौका मिलेगा इसलिए पार्टी दलित और ओबीसी चेहरों की ओर देख रही है। प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए जिन प्रमुख नेताओं के नाम चर्चा में हैं उनमें विनोद सोनकर, विद्या सागर सोनकर और राम शंकर कठेरिया का नाम शामिल है, तीनों ही अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं। ओबीसी वर्ग से आने वाले नेताओं में स्वतंत्र देव सिंह, अमरपाल मौर्य, बाबू राम निषाद, धर्मपाल सिंह, केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा और साध्वी निरंजन ज्योति के नाम पर भी चर्चा चल रही है। पार्टी किसी ओबीसी नेता को प्राथमिकता देती है तो स्वतंत्र देव सिंह इस पद के लिए सबसे आगे हैं। स्वतंत्र देव सिंह पहले भी प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं और अभी योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। माना जाता है कि स्वतंत्र देव सिंह के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अच्छे संबंध हैं और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का चयन करते हुए योगी आदित्यनाथ की पसंद को भी ध्यान में रखेगी।

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