पहलगाम हमले के बाद देश में जिस प्रकार का जनाक्रोश और दर्द देखा गया, उसने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को मजबूर किया कि वह वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को स्पष्ट और दृढ़ता से प्रस्तुत करे। जिसके बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने बड़ा और कड़ा कदम उठाते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद को एक औपचारिक पत्र लिखा है जिसमें यह आग्रह किया गया है कि भारत अब उन देशों के साथ कोई क्रिकेट मैच नहीं खेलेगा जो आतंकवाद का समर्थन करते हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का यह फैसला केवल एक खेल से जुड़ी रणनीति नहीं है, बल्कि यह भारत की सुरक्षा, गरिमा और राष्ट्रीय भावना का प्रतिनिधित्व करता है। भारत ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है- राष्ट्र पहले, खेल बाद में
पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस दुखद घटना के बाद न केवल राजनीतिक स्तर पर, बल्कि खेल जगत में भी इसका प्रभाव दिखाई देने लगा है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने एक बड़ा और कड़ा कदम उठाते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद को एक औपचारिक पत्र लिखा है, जिसमें यह आग्रह किया गया है कि भारत अब उन देशों के साथ कोई क्रिकेट मैच नहीं खेलेगा जो आतंकवाद का समर्थन करते हैं।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यह फैसला केवल एक खेल से जुड़ी रणनीति नहीं है, बल्कि यह भारत की सुरक्षा, गरिमा और राष्ट्रीय भावना का प्रतिनिधित्व करता है। पहलगाम हमले के बाद देश में जिस प्रकार का जनाक्रोश और दर्द देखा गया, उसने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को मजबूर किया कि वह वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को स्पष्ट और दृढ़ता से प्रस्तुत करे।
राष्ट्रहित सर्वोपरि
बीसीसीआई के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, इस पत्र में आईसीसी से आग्रह किया गया है वे आईसीसी टूर्नामेंटों में भारत और पाकिस्तान को एक ही ग्रुप में न रखें। क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार, बीसीसीआई अब भारत-पाकिस्तान के बीच आमना-सामना नहीं चाहता, कम से कम आईसीसी इवेंट के ग्रुप स्टेज में तो नहीं। हालांकि अगला बड़ा आईसीसी टूर्नामेंट सितम्बर में है, जिसमें भारत वुमेंस वल्र्ड कप की मेजबानी करेगा। पाकिस्तान ने आठ टीमों के टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई किया। यह टूर्नामेंट राउंड राॅबिन आधार पर खेला जाएगा। बात पुरुष क्रिकेट की करें तो, अगला आईसीसी टूर्नामेंट 2026 में है। यह टूर्नामेंट टी-20 फाॅर्मेट में खेला जाएगा, जिसकी मेजबानी भारत और श्रीलंका के पास है। जाहिर है इस टूर्नामेंट के लिए भी पाकिस्तान भारत नहीं आएगा। इसके आलावा बीसीसीआई ने आईसीसी से ये भी आग्रह किया है वो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ऐसी नीतियां लागू करे जिससे आतंकवाद को प्रोत्साहित करने वाले देशों के साथ भारत को मैच खेलने के लिए मजबूर न किया जाए। बीसीसीआई ने अपने पत्र में लिखा कि भारत वैश्विक खेल बिरादरी का जिम्मेदार सदस्य है और हमेशा खेल को शांति और भाईचारे का माध्यम मानता आया है, लेकिन जब बात राष्ट्र की सुरक्षा और सम्मान की हो तो भारत किसी भी प्रकार का समझौता नहीं कर सकता।
क्रिकेटरों ने किया खुलकर समर्थन

सचिन तेंदुलकर ने कहा, ‘देश से बड़ा कुछ भी नहीं। जब आतंकवाद हमारे नागरिकों और जवानों की जान लेता है, तो क्रिकेट जैसे खेल को भी एकजुट होकर राष्ट्र के साथ खड़ा होना चाहिए। बीसीसीआई का यह फैसला बिल्कुल सही दिशा में है।’
सौरव गांगुली ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘राष्ट्रहित सर्वोपरि है। जो देश आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं, उनके साथ खेल के मैदान में भी कोई सहयोग नहीं होना चाहिए। मैं बीसीसीआई के इस मजबूत रुख का समर्थन करता हूं।’
विराट कोहली ने ट्वीट किया, ‘हम एकजुट हैं। आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई हर स्तर पर होनी चाहिए। हम अपने जवानों के बलिदान का सम्मान करते हैं।’
रोहित शर्मा ने भी अपना समर्थन व्यक्त करते हुए कहा, ‘जो देश आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं, उनके साथ किसी भी तरह का खेल नहीं होना चाहिए। अब वक्त आ गया है कि हम खेल के मैदान पर भी एक कड़ा संदेश दें।’
हरभजन सिंह ने कहा, ‘जब देश के सैनिक शहीद हो रहे हैं तो खेलना किसी भी स्तर पर उचित नहीं है। बीसीसीआई का यह कदम हर देशभक्त भारतीय के दिल की आवाज है।’
गौतम गम्भीर ने कहा, ‘मैं वर्षों से यही कहता रहा हूं – खेल हो या कोई भी अन्य मंच, आतंकवाद के समर्थकों के साथ किसी भी तरह का सम्बंध नहीं होना चाहिए। आज गर्व है कि बीसीसीआई ने राष्ट्रहित में ऐसा मजबूत फैसला लिया।’
प्रशंसकों का समर्थन

सोशल मीडिया पर #IndiaFirst, #No ToTerrorism और #StandWithIndia जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। लाखों लोगों ने ट्वीट और पोस्ट के माध्यम से बीसीसीआई के इस निर्णय का समर्थन किया है। प्रशंसकों का कहना है कि खेल भावना तभी सार्थक है जब उसके मूल में मानवता और शांति हो, न कि आतंक और हिंसा।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
बीसीसीआई के इस कदम की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा हो रही है। खेल विशेषज्ञों का मानना है कि भारत जैसे बड़े क्रिकेट बाजार का ऐसा सख्त रुख अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट व्यवस्था पर गहरा असर डाल सकता है। आईसीसी के सामने अब एक चुनौती होगी कि वह खेल की स्वतंत्रता और वैश्विक सुरक्षा के बीच संतुलन कैसे बनाए।
कुछ देशों ने भी भारत के इस रुख का समर्थन किया है, जो यह मानते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर एकजुटता जरूरी है, चाहे वह राजनीति हो या खेल का क्षेत्र।
टूर्नामेंट या द्विपक्षीय श्रृंखला कार्यक्रमों की होगी समीक्षा
सूत्रों के अनुसार, बीसीसीआई ने अपने सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों की समीक्षा शुरू कर दी है। भविष्य में जब भी कोई टूर्नामेंट या द्विपक्षीय श्रृंखला आयोजित होगी तो यह देखा जाएगा कि प्रतिद्वंद्वी देश की सरकार आतंकवाद के प्रति क्या रुख रखती है। यदि किसी देश पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप साबित होता है तो उसके साथ क्रिकेट सम्बंध समाप्त किए जा सकते हैं। इसके अलावा भारत आईसीसी में भी इस मुद्दे को बड़े मंच पर उठाने की योजना बना रहा है ताकि एक अंतरराष्ट्रीय नीति बनाई जा सके जिसमें आतंक समर्थक देशों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जा सकें।

बीसीसीआई का यह कदम केवल क्रिकेट से जुड़ा हुआ नहीं है, बल्कि यह एक मजबूत और स्पष्ट संदेश है कि भारत अब किसी भी मोर्चे पर आतंकवाद के खिलाफ समझौता नहीं करेगा। पहलगाम जैसे हमलों के बाद जब देश के जवान और नागरिक अपनी जान कुर्बान कर रहे हैं। ऐसे में खेल जगत का यह दायित्व बनता है कि वह भी राष्ट्र के सम्मान के लिए अपने स्तर पर कदम उठाए। अब पूरी दुनिया की नजर आईसीसी और अन्य अंतरराष्ट्रीय खेल संगठनों पर होगी कि वे इस गंभीर विषय पर क्या निर्णय लेते हैं। भारत ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है – राष्ट्र पहले, खेल बाद में।

