कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के खिलाफ चेन्नई सुपर किंग्स के घरेलू मुकाबले से ठीक पहले यह खबर आई कि सीएसके के कप्तान एमएस धोनी होंगे तो सोशल मीडिया, विशेषज्ञ और कमेंटेटर तक रोमांचित हो उठे थे। व्यापक तौर पर यह घोषणा की गई थी कि कप्तान के तौर पर धोनी की वापसी सीएसके के लिए वो चिंगारी साबित हो सकती है, जिसकी सीएसके को जरूरत थी। लेकिन सीएसके के लिए आईपीएल का यह सीजन अब तक बहुत कठिन रहा है। सीएसके के कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ की कोहनी में फ्रैक्चर होने की खबर पीछे चली गई और कप्तान के तौर पर धोनी की वापसी की खबर बड़ी बन गई। मगर, धोनी के कप्तान होने के बावजूद केकेआर के खिलाफ मैच में जो हुआ, उसने भी खूब शोर मचाया। आईपीएल के 18 सीजन में पहली बार ऐसा हुआ, जब सीएसके लगातार तीन घरेलू मैच हार गई। सीएसके के लिए चेपाॅक का किला, अब किला नहीं रहा
पिछले सप्ताह जब कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के खिलाफ चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के घरेलू मुकाबले से ठीक पहले यह खबर आई कि सीएसके के कप्तान एमएस धोनी होंगे तो सोशल मीडिया, विशेषज्ञ और कमेंटेटर तक रोमांचित हो उठे थे। व्यापक तौर पर यह घोषणा की गई थी कि कप्तान के तौर पर धोनी की वापसी सीएसके के लिए वो चिंगारी साबित हो सकती है, जिसकी सीएसके को जरूरत थी। लेकिन सीएसके के लिए आईपीएल का यह सीजन अब तक बहुत कठिन रहा है। पांच बार की चैम्पियन टीम जो अपने पिछले पांच मैचों में से चार हार चुकी थी, एक बार फिर अपने करिश्माई कप्तान के नेतृत्व में 11 अप्रैल को केकेआर के खिलाफ उतर रही थी।
सीएसके के कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ की कोहनी में फ्रैक्चर होने की खबर पीछे चली गई और कप्तान के तौर पर धोनी की वापसी की खबर बड़ी बन गई। मगर, धोनी के कप्तान होने के बावजूद केकेआर के खिलाफ मैच में जो हुआ, उसने भी खूब शोर मचाया। आईपीएल के 18 सीजन में पहली बार ऐसा हुआ, जब सीएसके लगातार तीन घरेलू मैच हार गई। सीएसके के लिए चेपाॅक का किला, अब किला नहीं रहा।
केकेआर के खिलाफ सीएसके की हार भी ऐसा पहला मौका था, जब सीएसके लगातार पांच मैच हारी। सीएसके टेबल में सबसे नीचे है, बावजूद इसके सबसे ज्यादा उनकी चर्चा है। मीडिया हो या सोशल मीडिया, वहां सीएसके पर अधिकांश बातचीत धोनी से शुरू होकर उन्हीं पर खत्म होती है या फिर धोनी ब्रांड और उनकी पिछली सफलताओं के बारे में बात होती है। हालांकि सीएसके के कुछ पक्के प्रशंसक ये तर्क दे सकते हैं कि अतीत का प्रदर्शन फिर से दोहराया जाएगा।

दरअसल, सीएसके ने आईपीएल के आखिरी दो खिताब साल 2021 और 2023 में धोनी की कप्तानी में ही जीते हैं। सुनील नारायण के सामने कप्तान धोनी हुए नाकाम, क्या उठ रहे हैं सवाल? 12 अप्रैल 2025 धोनी क्या आईपीएल में चेन्नई टीम की परेशानी बन गए हैं?
अगस्त 2020 में एमएस धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। इसके बाद से धोनी पूरे साल में सिर्फ आईपीएल क्रिकेट ही खेलते हैं। कप्तान के तौर पर दो खिताबों के अलावा, धोनी का स्ट्राइक रेट पिछले कुछ सीजन में पहली नजर में अच्छा लग सकता है। धोनी अब 40 की उम्र के पड़ाव पर हैं।
उन्होंने इस दौरान बल्लेबाजी करने के मामले में नाटकीय तौर पर कमी कर दी है। हालांकि आप कहेंगे कि उनको श्बल्लेबाजी के लिए चुना गयाश् है और यह तो असम्भव है कि धोनी के अलावा कोई और यह निर्णय ले कि उनको कब और कहां बल्लेबाजी के लिए उतरना है। धोनी का स्ट्राइक रेट जैसा भी हो, लेकिन हर सीजन में धोनी जितनी गेंद खेल रहे हैं, उसकी संख्या में कमी आ रही है।
2020-21 के बाद से धोनी ने हर सीजन में 200 से कम गेंदों का सामना किया है। पिछले दो सीजन में, धोनी ने 100 से भी कम गेंदें खेलीं। साल 2023 में धोनी ने 12 पारियों में कुल 57 गेंदें खेली थीं। साल 2024 में धोनी ने 11 पारियों में कुल 73 गेंदें खेलीं। इन तीन सीजन में, धोनी 26 बार नाॅट आउट रहे। यह बताता है कि वो कितने निचले क्रम में बल्लेबाजी के लिए उतरते हैं और वो खेल में कितनी देर से उतरते हैं।
इस सीजन में धोनी ने छह पारियों में केवल 71 गेंदों का सामना किया है। यह प्रति मैच 12 गेंदों से कम है। इनमें 13 गेंदों को धोनी ने सीमा पार भेजा। इनमें छह चैके और सात छक्के शामिल हैं। बची हुईं 58 गेंदों पर धोनी ने केवल 38 रन बनाए हैं। इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि धोनी कितनी देर से बल्लेबाजी करने उतरे हैं। दो बार ऐसा मौका आया, जब धोनी नम्बर 9 पर बल्लेबाजी करने उतरे, तब तक टीम मैच हार चुकी थी।
सीएसके के कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने इस बल्लेबाजी को लेकर एक तरह से भ्रामक स्पष्टीकरण भी दिया। उन्होंने कहा, ‘हां, यह टाइम की बात है। एमएस इसका अंदाजा लगाते हैं। वो दस ओवर तक बल्लेबाजी नहीं कर सकते हैं। इसलिए, वो मैच वाले दिन अंदाजा लगाएंगे कि वो हमारे लिए क्या कर सकते हैं।’
एक ऐसी टीम, जहां परिणाम अच्छे आ रहे हों तो एक अनुभवी बल्लेबाज को बचाना हमेशा स्वीकार्य होगा। लेकिन उम्रदराज धोनी और बल्लेबाजी को लेकर उनके संघर्ष के लिए सीएसके के पास कोई कारण नहीं हैं।
चेन्नई के लोगों ने मुझे बताया कि धोनी का सीएसके ब्रांड इतना ताकतवर है कि यदि धोनी प्लेइंग इलेवन में शामिल न हों तो फ्रेंचाइजी टिकट नहीं बेच पाएगी या स्टेडियम में सीटें नहीं भरेंगीं। चेन्नई जैसे क्रिकेटप्रेमी शहर के लिए इस बात पर यक़ीन करना मुश्किल है, लेकिन अगर यह सच है तो इसका मतलब यह है कि 18 सीजन तक फ्रेंचाइजी हाथ पर हाथ धर कर बैठी रही है।
क्या इसका फैन बेस केवल एक व्यक्ति के इर्द-गिर्द बना रह सकता है? क्या सबसे तेज और सक्रिय मानी जाने वाली फ्रेंचाइजी ने उत्तराधिकारी की योजना को नजरअंदाज कर दिया है?
अगर पिछले कुछ वर्षों में यह साफ नहीं भी था तो साल 2025 में तो यह साबित हो चुका है कि सीएसके अब इतनी गहराई से धोनी के व्यक्तित्व से जुड़ चुकी है कि इस पकड़ से दोनों ही नहीं बच सकते।
सीएसके ने अपने मेगा ऑक्शन फंड को उन खिलाड़ियों में निवेश किया जो पहले के आईपीएल युग के खिलाड़ी हैं। वे टी-20 क्रिकेट का प्रारूप खेल रहे हैं और फ्रेंचाइजी मालिक भी अतीत में फंस गए हैं।
आजकल बल्लेबाजी की पारी के किसी भी चरण में छक्कों की कमी नहीं रही। पाॅवर प्ले के स्कोर तेजी से बढ़ रहे हैं और स्ट्राइक रेट भी, क्योंकि युवा बल्लेबाज 180 से अधिक रन बनाने का लक्ष्य लेकर उतर रहे हैं।
सीएसके के नेतृत्व ने, जिसमें धोनी को शामिल किया जाना चाहिए, उस तरह के बल्लेबाजों पर ध्यान नहीं दिया, उनमें निवेश नहीं किया या उन्हें विकसित नहीं किया। इस सीजन में किसी भी अन्य आईपीएल टीम के मुक़ाबले सीएसके ने सबसे अधिक डाॅट बाॅल खेले हैं। अभी तक खेले गए अपने छह मैचों में 119। 1 ओवरों के दौरान, उन्होंने 245 डाॅट गेंदें खेलीं, यानी 40 से ज्यादा ओवर बिना रनों के रहे। सीएसके ने सभी टीमों से कम छक्के लगाए। यह अकेली टीम है जो प्रतियोगिता के दौरान एक ओवर में औसतन आठ से भी कम रन बना सकी है।
इस सीजन में धोनी के प्रदर्शन में सीएसके का क्रिकेट झलकता है और धोनी का प्रदर्शन सीएसके की लय के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा है, लेकिन उस तरह से नहीं जिससे कोई मदद मिलती हो। अपने फाॅर्म वाले समय में, विकेटकीपर, बल्लेबाज और कप्तान के रूप में धोनी सीएसके के लिए ऐसे खिलाड़ी थे, जिसका कोई विकल्प नहीं था।
आज धोनी विकेटकीपर के रूप में अपनी जगह बना सकते हैं और मैच के एक छोटे हिस्से के खेल को नियंत्रित करने में अपनी कप्तानी से कुशलता दिखा सकते हैं। लेकिन धोनी की अगुवाई वाली सीएसके 2025 की टीम हर विभाग में थकी हुई दिखाई देती है। इसी तरह की थकान धोनी में भी दिखाई देती है। लेकिन सीएसके अपने स्टार खिलाड़ी को कोई आराम देने में जल्दबाजी करती नहीं दिखाई दे रही है, भले ही उसका स्टार खिलाड़ी न चल पा रहा हो।

