विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के तहत भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत 1-2 से पीछे है, लेकिन चैथे टेस्ट में मिली ड्राॅ जैसी उपलब्धि टीम इंडिया को ओवल में आत्मविश्वास से भर देगी। भारत ने जहां इंग्लैंड को लगभग जीते हुए मैच में रोक दिया, वहीं बल्लेबाजों ने अपनी परिपक्वता और धैर्य से दुनिया को चैंका दिया। अब जब सबकी निगाहें अंतिम टेस्ट पर टिकी हैं तो एक बात तय है कि यह मुकाबला सिर्फ ट्राॅफी का नहीं, बल्कि सम्मान, मनोबल और हिसाब बराबर करने का भी होगा

भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही पांच टेस्ट मैचों की एंडरसन-तेंदुलकर ट्राॅफी अब अपने अंतिम मोड़ पर है। चार मैचों के बाद इंग्लैंड को 2-1 की बढ़त है। ऐसे में 31 जुलाई से लंदन के केनिंग्टन ओवल में खेले जाने वाले अंतिम मुकाबले में भारत के पास श्ृंखला को 2-2 से बराबर करने का सुनहरा अवसर है। इस निर्णायक मैच में निगाहें होंगी शुभमन गिल की अगुवाई वाली युवा भारतीय टीम पर, जो अब तक उम्मीदों से बढ़कर प्रदर्शन करती आई है।

ऐसे में खेल प्रेमियों और पूर्व दिग्गज खिलाड़ियों को उम्मीद है कि भारतीय टीम इस अंतिम मुकाबले को जीत हिसाब बराबर करेगी। आंकड़ों की बात करें तो ओवल के मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच अब तक 14 टेस्ट मैच खेले गए हैं। इनमें से इंग्लैंड ने 5 जीते हैं, जबकि भारत सिर्फ 2 में विजयी रहा है और 7 मुकाबले ड्राॅ रहे हैं। भारत ने यहां पहली जीत 1971 में अजित वाडेकर की कप्तानी में हासिल की थी और दूसरी 2021 में विराट कोहली के नेतृत्व में। हालांकि भारत का पिछला मैच यहां 2023 में विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल था, जिसमें ऑस्ट्रेलिया ने उसे हराया था।

गौरतलब है कि भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान शुभमन गिल, रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर की शतकीय पारियों के दम पर भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए चौथे टेस्ट मैच को ड्राॅ करा लिया। इस मुकाबले में टाॅस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने यशस्वी जायसवाल, साई सुदर्शन और ऋषभ पंत की अर्धशतकीय पारियों के दम पर 358 रन बनाए थे। पहली पारी में इंग्लैंड ने 10 विकेट पर 669 रन बनाए और 311 रनों की बढ़त हासिल की। इसके बाद भारत ने दूसरी पारी में चार विकेट पर 425 रन बनाए और मैच ड्राॅ पर समाप्त कर दिया। इंग्लैंड अब भी पांच मैचों की इस सीरीज में 2-1 से आगे है। मौजूदा सीरीज का आखिरी मुकाबला 31 जुलाई से द ओवल में खेला जाएगा।
 
हिसाब बराबर कर पाएगा भारत?

सीरीज में अभी इंग्लैंड 2-1 से आगे है और उसके लिए अंतिम टेस्ट ड्राॅ करना भी पर्याप्त होगा लेकिन भारत अब सीरीज जीत नहीं सकता, लेकिन 2-2 की बराबरी कर मनोवैज्ञानिक तौर पर बड़ी उपलब्धि जरूर दर्ज कर सकता है। ओवल की पिच, रिकाॅर्ड और भारतीय बल्लेबाजों की हालिया फाॅर्म खासकर चैथे टेस्ट में जडेजा और सुंदर की नाबाद शतकीय पारियां इसे मुमकिन बनाते हैं।
 
क्या कहते हैं ओवल के आंकड़े

भारत ने ओवल में अब तक 15 टेस्ट खेले हैं जिसमें 2 जीत, 6 हार और 7 ड्राॅ रहे हैं, वहीं इंग्लैंड ने यहां भारत को 3 बार 1959, 2011 और 2014 में पारी के अंतर से हराया है। भारत ने यहां 1990 में 606 और 2007 में 664 रन बनाकर दो बार 600 से ज्यादा के स्कोर बनाए दोनों मैच ड्राॅ रहे। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि पांचवे मुकाबले को भारत हर हाल में जीत या ड्रा कराने की कोशिश करेगा।
 
संकट में चमका संयम का सितारा

मैनचेस्टर में खेले गए चैथे टेस्ट मैच में भारत की स्थिति बेहद संकटपूर्ण थी। इंग्लैंड ने पहली पारी में 669 रन बनाकर 311 रन की बड़ी बढ़त हासिल कर ली थी। भारत ने दूसरी पारी की शुरुआत में शून्य के स्कोर पर ही दो विकेट गंवा दिए थे, लेकिन इसके बाद कप्तान शुभमन गिल 103 और केएल राहुल की 90 रनों की पारी ने तीसरे विकेट के लिए 188 रनों की मैराथन साझेदारी की। इसके बाद जडेजा 107 और वाशिंगटन सुंदर ने नाबाद 101 रनों की शतकीय पारियों के चलते पांचवें विकेट के लिए 203 रन की अविजित साझेदारी की और मैच को ड्राॅ करवाया।

पहली पारी में इंग्लैंड ने भारत पर 311 रनों की बढ़त के जवाब में भारत की दूसरी पारी में शुभमन गिल और केएल राहुल ने तीसरे विकेट के लिए 188 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी कर मैच को आखिरी दिन तक पहुंचाया। लेकिन असली चमत्कार तब हुआ जब रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर ने पांचवें विकेट के लिए 203 रन की अविजित साझेदारी कर मैच को हार की कगार से निकाल ड्राॅ करवा लिया। गौरतलब है कि सुंदर का यह पहला टेस्ट शतक था और भारत ने इस साझेदारी के बाद ही ड्राॅ स्वीकार किया। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स अंतिम घंटे में ड्रा का आॅफर दे चुके थे, पर जडेजा और सुंदर अपने शतक पूरे करने के बाद ही सहमत हुए जो कई इंग्लैंड के दिग्गजों को नागवार भी गुजरा।
 
जज्बे की मिसाल बनी साझेदारियां

चौथे मैच की दूसरी पारी में तीसरे विकेट के लिए गिल और राहुल ने 421 गेंदों में 188 रनों की साझेदारी की तो पांचवें विकेट के लिए जडेजा और सुंदर ने 334 गेंदों में नाबाद 203 रनों की साझेदारी की। यह सिर्फ रन नहीं थे, बल्कि भारत के हार ना मानने वाले जज्बे की कहानी थी। सुंदर का यह पहला टेस्ट शतक था, और जडेजा ने एक बार फिर संकटमोचक की भूमिका निभाई। जडेजा और सुंदर की साझेदारी भारतीय क्रिकेट के इतिहास में हमेशा याद रखी जाएगी। अब देखने वाली बात ये होगी कि 31 जुलाई को ओवल के मैदान पर भारत इस संघर्ष को बराबरी में बदल पाता है या नहीं।
 
दर्ज हुआ ऐतिहासिक रिकाॅर्ड

मौजूदा सीरीज में भारत ने टेस्ट क्रिकेट के 148 साल के इतिहास में नया कीर्तिमान बनाया है। भारत पहली टीम बन गया है जिसने किसी एक टेस्ट सीरीज में 7 बार 350 से ज्यादा रन बनाए हैं। इससे पहले यह रिकाॅर्ड आॅस्ट्रेलिया के नाम था, जिसने एक सीरीज में छह बार 350 का आंकड़ा छुआ था। यह प्रदर्शन भारत की बल्लेबाजी गहराई और मानसिक दृढ़ता का परिचायक है।
 
सीरीज ड्राॅ होने पर किसे मिलेगी ट्राॅफी

एंडरसन-तेंदुलकर ट्राॅफी सीरीज जिसे पहले पटौदी ट्राॅफी के नाम से जाना जाता था। यदि अंतिम टेस्ट ड्राॅ रहता है और सीरीज 2-2 पर समाप्त होती है तो नियमों के अनुसार ट्राॅफी उसी टीम के पास रहती है जिसने पिछली बार जीती थी। वर्ष 2018 में इंग्लैंड ने भारत को 4-1 से हराया था और तब से ट्राॅफी इंग्लैंड के पास है। इसलिए ड्राॅ होने की स्थिति में ट्राॅफी इंग्लैंड के पास ही रहेगी।

हम पांचवां टेस्ट जीत सकते हैं: सौरव गांगुली

पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने मैनचेस्टर टेस्ट में टीम इंडिया के प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा है कि अगर गेंदबाजी में थोड़ा सुधार किया जाए तो भारत ओवल में अंतिम टेस्ट जीतकर सीरीज बराबर कर सकता है। गांगुली ने कहा, ‘यह एक युवा टीम है, इसे थोड़ा समय दीजिए। भारत ने पांचवें दिन जिस तरह बल्लेबाजी की, वह बेहद सराहनीय थी। इस मैच के बाद टीम को लाॅड्र्स टेस्ट गंवाने का जरूर मलाल होगा। लेकिन जिस तरह रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर ने बल्लेबाजी की, वह भारतीय क्रिकेट के लिए सकारात्मक संकेत है।’
भारत ने चैथे टेस्ट में इंग्लैंड के 311 रनों की बढ़त को पाटते हुए मैच ड्राॅ कराया। इससे पहले लाॅड्र्स में टीम को 193 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए सिर्फ 22 रन से करीबी हार झेलनी पड़ी थी। गांगुली ने केएल राहुल, शुभमन गिल, रवींद्र जडेजा, वाशिंगटन सुंदर और ऋषभ पंत की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, ‘इन खिलाड़ियों का प्रदर्शन देखकर बहुत अच्छा लगा। ये युवा खिलाड़ी लम्बे समय तक भारतीय क्रिकेट की रीढ़ बनेंगे। इंग्लैंड में मिला यह अनुभव इन्हें और मजबूत बनाएगा। अगर बाॅलिंग अटैक थोड़ा और बेहतर हो जाए, तो ओवल टेस्ट जीतना बिल्कुल सम्भव है।’ उन्होंने ऋषभ पंत की जुझारू बल्लेबाजी को भी सराहा, जिन्होंने चोटिल होने के बावजूद अर्धशतक पूरा किया। गांगुली ने कहा, ‘पंत टेस्ट क्रिकेट में शानदार खिलाड़ी हैं। भले ही वह फिलहाल चोटिल हैं, लेकिन उन्होंने इस सीरीज में जबरदस्त जज्बा दिखाया है।’ गांगुली ने पांचवें टेस्ट के लिए टीम चयन को लेकर भी सुझाव दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं गौतम गम्भीर को यही सलाह दूंगा कि ओवल टेस्ट में कुलदीप यादव को मौका दिया जाए। सही बाॅलिंग कॉम्बिनेशन बेहद जरूरी है। अगर बल्लेबाज मौजूदा लय में रहे तो भारत यह टेस्ट जीत सकता है।’

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