गुजरात के कच्छ जिले से शर्मसार करने वाला मामला सामने आया हैं। बताया जा रहा है कि भुज तहसील के श्री सहजानंद गर्ल्स इंस्टीट्यूट में 68 छात्रओं के कपड़े उतरावा कर शुक्रवार को मासिक धर्म की जांच की गई।
हालांकि, मामले का पर्दाफाश होने के बाद संस्था के संचालकों ने छात्राओं को अपने समर्थन में हस्ताक्षर करवा लिए। छात्राओं ने इसका विरोध कर संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
खबरों के मुताबिक, श्री सहजानंद गर्ल्स इंस्टीट्यूट में प्रिंसिपल ने यह जानने के लिए कपड़ें उतरवाए हैं किसेनेटरी पैड किसने फेंका? जैसे ही इस मामले की जानकारी लोगों को हुई वहां हड़कंप मच गया है।
स्टार्फ़ का कहना है कि किसी लड़की ने सैनेटरी पैड को खुले में फेंका था। जब प्रिंसिपल ने ये देखा तो उन्होंने आदेश दिया कि ये हरकत किसने की है जांच की जाए। इसके बाद लड़कियों के कपड़े उतरावा कर उसका मासिक धर्म की जांच की गई।

हालांकि, इस मामले पर इंस्टीट्यूट के डीन दर्शन ढोलकिया ने सफाई देते हुए कहा, “पूरा मामला हॉस्टल से संबंधित है। इसका यूनिवर्सिटी या कॉलेज से कोई लेना-देना नहीं है। जो कुछ हुआ है वो लड़कियों की अनुमति से हुआ है। इसके लिए किसी भी लड़की को मजबूर नहीं किया गया था।”
वहीं छात्राओं का आरोप है कि12 फरवरी को उन्हें क्लास से निकालकर बाहर बैठाया गया। उसके बाद उनसे मासिक धर्म के बारे में पूछताछ की गई और उसके बाद एक-एक कर छात्राओं को वॉशरूम में बुला कर उनके मासिक धर्म की जांच की गई।
जब लड़कियों ने इसका विरोध किया तो संचालकों ने उनमें से कुछ छात्राओं को बुलाकर धमकी दी। छात्राओं ने बताया कि हॉस्टल से कॉलेज में बुधवार को फोन आया था कि सभी लड़कियों के मासिक धर्म की जांच की जाएगी। जब लड़किया एकत्र हो गईं तो उन्होंने कहा कि जिसे मासिक धर्म हो, वह खड़ी हो जाएं। उसके बाद दो छात्राएं अलग जाकर बैठ गईं। उसके बाद सभी छात्राओं के कपड़े उतरवा कर मासिक धर्म की जांच की गई।

