महाराष्ट्र में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के गठबंधन वाली उद्धव ठाकरे नीत महाराष्ट्र विकास आघाडी (एमवीपी) सरकार के शपथ ग्रहण के हफ्ते भर बाद भी मंत्री बेकाम है । उनको अभी तक विभाग आवंटित नहीं किए गए है। इस मामले को लेकर विपक्षी भाजपा ने सत्तारूढ़ गठबंधन की आलोचना की है । भाजपा को शिवसेना की आलोचना करने का मौका मिल गया है। फिलहाल छह मंत्रियों को विभाग आवंटित करने में नाकाम रहने के लिए ठाकरे नीत सरकार की भाजपा जमकर आलोचना कर रही है । गौरतलब है कि शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा ने मिलकर एमवीए गठबंधन बनाकर सरकार गठित की है, जिसने पिछले महीने के आखिर में शपथ ली ।
लेकिन मंत्रियों को अब तक विभाग आवंटित नहीं किए गए हैं ।हालांकि सरकार के दो मंत्रियों ने कहा है कि एक-दो दिन में विभाग आंवटित कर दिए जाएंगे । लेकिन शपथ ग्रहण समारोह के आठ दिन बाद मंत्रालय आवंटित न होने से एमवीए में शामिल तीनों पार्टियों के विधायकों में ‘बहुत असंतोष’ है । याद रहे कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर को मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी ।
महाराष्ट्र में सीएम उद्धव ठाकरे के साथ ही, शिवसेना से एकनाथ शिंदे, सुभाष देसाई, राकांपा से जयंत पाटिल और छगन भुजबल और कांग्रेस से बालासाहेब थोराट और नितिन राउत ने शपथ ली, लेकिन अब तक किसी को भी विभाग आवंटित नहीं किए गए हैं । एक सूत्र ने बताया कि छह मंत्रियों को जल्द की विभाग आवंटित किए जा सकते हैं । सूत्रों के मुताबिक, विभाग आवंटन पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेताओं की इस हफ्ते के शुरू में दिल्ली में बैठक हुई थी । इस बैठक में राकांपा प्रमुख शरद पवार एवं प्रफुल्ल पटेल, कांग्रेस नेता अहमद पटेल, बालासाहेब थोराट, अशोक चव्हाण और नितिन राउत शामिल हुए थे ।अंतिम फैसला लेने के बाद कोई निर्णय किया जाएगा ।

याद रहे कि एमवीए के बीच समझौते के तहत, शिवसेना के मुख्यमंत्री समेत 16 मंत्री होंगे जबकि राकांपा के उपमुख्यमंत्री समेत 15 मंत्री होंगे, वहीं कांग्रेस को 12 मंत्री पद मिलेंगे । साथ में विधानसभा अध्यक्ष भी उसका होगा । राज्य सरकार के मंत्रि-परिषद में 43 सदस्य हो सकते हैं, जो 288 सदस्यीय विधानसभा का 15 फीसदी है ।
सूत्रों के मुताबिक, राकांपा नेता अजित पवार की नजरें उपमुख्यमंत्री पद पर हैं । उन्होंने पार्टी में बगावत करके भाजपा से हाथ मिला लिया था और देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में बनी कुछ दिनों की सरकार में उपमुख्यमंत्री बन गए थे । बाद में वह राकांपा में लौट आए थे ।

