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आयाराम-गयाराम ने बढ़ाई मुश्किलें

हरियाणा विधानसभा चुनाव ऐलान के बाद एक ओर जहां इसकी मतदान की तारीख में बदलाव को लेकर सियासी घमासान मचा है वहीं राज्य के प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस और भाजपा मजबूत उम्मीदवार को उतारने की तैयारी में जुट गए हैं। चर्चा है कि अगले महीने यानी सितंबर की शुरुआत में उम्मीदवारों के नाम घोषित किए जा सकते हैं। लेकिन राजनीतिक पंडितों का कहना है यह सब इतना आसान नहीं है। क्योंकि दोनों ही दलों की मुश्किलें आयाराम-गयाराम ने बढ़ाई हुई है।

पिछले एक साल में दोनों ही पार्टियों में कई बागी शामिल हुए हैं। कांग्रेस में तो करीब 50 पूर्व विधायक व चेयरमैन शामिल हो चुके हैं। भाजपा में भी शामिल हुए ऐसे नेताओं की लंबी फेहरिस्त है। ये सभी बागी भी विधानसभा चुनाव में दावेदारी जता रहे हैं। जिन इलाकों से यह चुनाव लड़ना चाहते हैं, वहां पहले से पार्टी के उम्मीदवार मौजूद हैं, जो लंबे समय से ग्राउंड पर मेहनत कर रहे हैं। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस के सामने दिक्कत यह है कि राज्य में माहौल बनाने के लिए इन बागियों को पार्टी में शामिल तो कर लिया, मगर टिकटों के बंटवारे को लेकर पुराने व नए साथियों के बीच सामंजस्य बैठाना पहाड़ जैसी चुनौती है। यही नहीं पार्टी को उनकी नाराजगी का भी डर सता रहा है।

भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती राज्य के ऊर्जा मंत्री रणजीत चौटाला ने पेश की है। वह पिछली बार निर्दलीय रानियां सीट से विधानसभा चुनाव जीते थे। भाजपा में शामिल होने के बाद वह भाजपा से दावा ठोक चुके हैं। वहीं इसी सीट से भाजपा की सहयोगी पार्टी हरियाणा लोकहित पार्टी के धवल कांडा भी दावेदारी जता चुके हैं। दोनों के बीच चल रहे घमासान ने भाजपा को दुविधा में डाल दिया है। कांडा लगातार भाजपा के शीर्ष नेताओं से मिल रहे हैं और सीट की दावेदारी छोड़ने को तैयार नहीं है। हिसार में भाजपा से दावेदारी को लेकर अंदरखाने जोर आजमाइश चल रही है। हिसार से कमल गुप्ता भाजपा के टिकट से सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। वहीं लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुईं सावित्री जिंदल भी दावेदारी जता चुकी हैं। हिसार सावित्री जिंदल की परंपरागत सीट है। इस सीट पर जिंदल परिवार का 2009 तक कब्जा रहा है। कमल गुप्ता ने 2014 में सावित्री जिंदल को हराकर इस सीट पर कब्जा जमाया। पिछले चुनाव में भी गुप्ता ने जीत दर्ज की थी। पिछले दिनों सावित्री जिंदल ने हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात कर अपनी दावेदारी और मजबूत कर दी है।

ऐसे ही कुछ हालात चरखी दादरी में भी बन रहे हैं। पिछली बार भाजपा से चुनाव मैदान में उतरीं बबीता फोगाट फिर से तैयारी में जुट गई हैं। वह लगातार लोगों से मिल रही हैं। इसी सीट से पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान भी भाजपा से दावेदारी जता रहे हैं। सांगवान कुछ समय पहले ही पूर्व सीएम मनोहर लाल के माध्यम से जजपा से भाजपा में शामिल हुए थे। वह छह बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। 2009 में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। इसी तरह यमुनानगर की रादौर सीट से पूर्व राज्यमंत्री कर्णदेव कांबोज दावेदारी पेश करते आए हैं। पिछला चुनाव हारने पर उन्होंने जिस पर अपनी हार का ठीकरा फोड़ा था, वह श्याम सिंह राणा पिछले दिनों भाजपा में शामिल हो गए। इनेलो ने उनकी टिकट भी घोषित कर दी थी। उधर, ऐलनाबाद सीट से भाजपा नेता गोबिंद कांडा दावेदारी जताते रहे हैं। मगर कुछ दिन पहले जजपा से भाजपा में शामिल हुए मीनू बेनीवाल भी दावा ठोक चुके हैं। ऐसे में आयाराम-गयाराम ने भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के सामने भी यही दुविधा है कि वह अपने लोगों को टिकट दे या फिर दल-बदुलओं को। इसके अलावा यहां पर हुड्डा और शैलजा कुमारी गुट होने की वजह से दावेदार भी अधिक हैं।

आलम यह है कि कुल 90 सीटों के लिए करीब 2500 उम्मीदवारों ने आवेदन कर रखा है। लोकसभा चुनाव के दौरान तीन निर्दलीय विधायक  सोमबीर सांगवान (दादरी), रणधीर सिंह गोलन (पुंडरी) और धर्मपाल गोंदर (नीलोखेड़ी) ने भाजपा से समर्थन वापस ले कांग्रेस को दिया था। बताया जा रहा है कि तीनों निर्दलीय विधायक कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं और इसी शर्त पर उन्होंने कांग्रेस को समर्थन दिया था। मगर कांग्रेस में पहले से इन तीनों सीटों पर कई दावेदार हैं। दादरी से कांग्रेस में सोमबीर सांगवान के अलावा 35 दावेदार हैं। इसमें तीन पूर्व विधायक भी शामिल हैं। वहीं रणधीर सिंह गोलन और धर्मपाल गोंदर भी चुनाव लड़ना चाहते हैं। इसके अलावा जजपा के बागी विधायक रामकरण काला ने भी शाहबाद से कांग्रेस से आवेदन कर रखा है, जबकि इस सीट से पूर्व विधायक अनिल कुमार धंनतोरी, लेहरी सिंह और प्रदीप नरवाल भी प्रमुख दावेदार हैं।

जजपा के एक अन्य बागी विधायक व पूर्व मंत्री देवेंद्र सिंह बबली भी कांग्रेस से चुनाव लड़ना चाहते हैं। यहां मुकाबला दिलचस्प है। जजपा के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व विधायक निशान सिंह और पूर्व मंत्री परमवीर सिंह भी दावेदार हैं। इसी तरह लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस में शामिल हुए अवतार सिंह भड़ाना नांगल चौधरी से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने कांग्रेस मुख्यालय में आवेदन भी किया है। जबकि इसी सीट से पूर्व विधायक मोला राम, जसवंत सिंह सहरावत, रिटायर्ड आईएएस विनय सिंह यादव भी टिकट के दावेदार माने जा रहे हैं।

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