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शेख हसीना के बाद अब राष्ट्रति मोहम्मद शहाबुद्दीन के इस्तीफे की मांग

बांग्लादेश में एक बार फिर छात्र प्रदर्शन ने जोर पकड़ लिया है। छात्र प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आएं हैं। विरोध करते हुए इन प्रदर्शनकारियों ने 22 अक्टूबर को  बंगभवन पर कब्जा करने की कोशिश की हालांकि सुरक्षा बल द्वारा उन्हें खदेड़ दिया गया। एक बार फिर उठ खड़े हुए छात्र प्रदर्शन से वहां अंतरिम सरकार पर संकट की बदल छाए हुए हैं। छात्र विरोध प्रदर्शन की वजह राष्ट्रपति का एक बयान बताया जा रहा है।

20 अक्टूबर को एक साक्षात्कार के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन कहा था कि उनके पास शेख हसीना का इस्तीफा नहीं है। वो उनके इस्तीफे को लेकर असमंजस में दिखे। डी डब्लू की एक रिपोर्ट अनुसार राष्ट्रपति ने साक्षात्कार में कहा कि हसीना के देश छोड़कर जाने की खबर सुनकर उन्होंने सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान से जानना चाहा कि प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दे दिया है या नहीं। शहाबुद्दीन के कहने अनुसार , इस सवाल पर सेना प्रमुख ने कहा, “मैंने सुना है कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। शायद उनको हमें बताने का समय नहीं मिला।

उनके इस बयान से प्रश्न उठ रहे हैं कि क्या शेख हसीना ने इस्तीफा दिया है या नहीं दिया ?  क्या वह अब भी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं? कुछ दिनों पहले हसीना के बेटे वाजिद जॉय ने भी कुछ ऐसा ही दावा किया था। यही वजह है कि राष्ट्रपति शहाबुद्दीन द्वारा दिए गए इस तरह के बयान से लोग नाराज हो गए हैं और उन पर हसीना के प्रति वफादारी का इल्जाम लगा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि शहाबुद्दीन ने अपने पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।

 

प्रदर्शन के दौरान पुलिस और छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में करीब तीस लोग घायल हुए हैं।  ढाका मेट्रोपोलिटन पुलिस के डिप्टी कमिश्नर तालेबुर रहमान का कहना है कि झड़प में कम-से-कम 25 पुलिस अधिकारी भी घायल हुए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के मुख्य संयोजक हसनत अब्दुल्लाह ने राष्ट्रपति के इस्तीफे समेत 5 मांगों का अल्टीमेटम दिया है। विरोध प्रदर्शन करते हुए छात्रों ने अंतरिम सरकार के सामने कई मांगे रखी। छात्र प्रदर्शनकारी की मांग की है कि शेख हसीना से जुड़ी  छात्र लीग, जुबा लीग और अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाया जाए, साथ ही संविधान में संशोधन कर 1972 के वर्जन को हटाया जाए। छात्रों द्वारा दावा किया जा रहा है कि अगर नए राष्ट्रपति को नहीं चुना गया तो वो फिर से छात्र प्रदर्शन करेंगे। गौरतलब है कि इससे पहले बांग्लादेश में वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया था।  जिसका नतीजा यह हुआ कि शेखहसीना को पीएम पद से आनन फानन इस्तीफ़ा देना पड़ा और वो देश छोड़ कर चली गई।

 

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