अब आंध्र प्रदेश तीन राजधानियों वाला पहला राज्य बन गया है। इस क़ानून के तहत आंध्र प्रदेश की तीन राजधानियां होंगी। इस कानून के बाद राज्य सरकार (कार्यपालिका) विशाखापत्तनम से कार्य करेगी। राज्य विधानसभा अमरावती में होगी और हाई कोर्ट कुर्नूल में होगा।दरअसल आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी पहले से ही विधायिका कार्यपालिका और न्यायपालिका के लिए अलग-अलग राजधानी बनाने के पक्ष में थे। इसके लिए सीएम जगन मोहन की ओर से अमरावती, विशाखापट्टनम और कुरनूल का चुनाव किया गया है।
प्रस्ताव के अनुसार, आंध्र प्रदेश की एग्जीक्यूटिव कैपिटल अब विशाखापट्टनम होगी। वहीं कुरनूल को ज्यूडिशियल कैपिटल होगी और लेजिस्लेटिव कैपिटल अमरावती होगी।
गौरतलब है कि पहली बार 20 जनवरी को विधेयक को विधानसभा में पेश किया गया था और 17 जून को दूसरी बार इन विधेयकों को विधान परिषद में पेश किया किया गया था। उस दौरान विधेयक पर काफी हंगामा भी हुआ था। जिसके बाद उस दिन ही विधान परिषद को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई थी। इसपर राज्य सरकार का तर्क है कि चूंकि विधेयकों को विधायिका से दूसरी बार परिषद में भेजा गया था, इसलिए इसे बहस और अनुमोदन के बिना एक महीने की अवधि के लिए स्वत: अनुमोदित माना जाएगा। एक महीने की अवधि समाप्त होने के बाद सरकार ने फिर इसे अंतिम मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा।

