वैसे तो इस पृथ्वी का निर्माण ही पर्यावरण से हुआ है लेकिन सैकड़ों वर्षों से दुनिया भर में पर्यावरण के साथ किये जाने वाले खिलवाड़ का जो असर अब देखने को मिल रहा है वह अब भयावह रूप लेता जा रहा है। पर्यावरण के प्रति मनुष्यों के दर्व्यवहार का एक परिणाम यह भी है कि अब लगातार जलवायु में परिवर्तन होता जा रहा है।
जिसका प्रभाव मानव सहित जानवरों को भी झेलना पड़ रहा है। दि प्रिंट के अनुसार हाल ही में की गई एक रिसर्च के मुताबिक पता चलता है कि जानवरों पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव मनुष्यों से अधिक पड़ रहा है। जलवायु परिवर्तन के कारण उनके व्यवहार, शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य में काफी अंतर देखने को मिल रहा है। यह रिसर्च राष्ट्रमंडल कृषि ब्यूरो इंटरनेशनल (सीएबीआई) में प्रकाशित हुई थी। सीएबीआई ने अपनी इस इस रिसर्च में पाले जाने वाले जानवरों के साथ-साथ चिड़ियाघर और जंगलों में रहने वाले जानवरों जैसे चमगादड़, जेब्राफिश, स्टोनी क्रीक मेंढक, कोआला, अफ्रीकी हाथी, मुर्गियां और डेयरी गाय और कुत्तों को शामिल किया गया था।
रिसर्च में प्रमुख भूमिका निभाने वाले ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड विश्वविद्यालय में कृषि और खाद्य विज्ञान स्कूल में पशु विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. एडवर्ड नारायण का कहना है कि “शोधकर्ताओं ने जानवरों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की बड़े पैमाने पर जांच की है। जलवायु परिवर्तन और पशु कल्याण के बीच सीधा संबंध, विशेष रूप से जंगली जानवरों के संदर्भ में, मौजूदा अध्ययनों में अपेक्षाकृत कम है, लेकिन इसके बावजूद यह मनुष्यों से अधिक है।
जलवायु परिवर्तन से किस प्रकार प्रभावित हो रहे जानवर
कई पक्षी ऐसे होते है जो जलवायु के अनुसार स्थान का परिवर्तन करते हैं। साथ उनमे गर्मी सहन करने की क्षमता भी काम होती है। दि प्रिंट में छपी रिपोर्ट के अनुसार पक्षियों में गर्मी को नियंत्रित करने की क्षमता सीमित ही होती है क्योंकि उनमें पसीने की ग्रंथियां नहीं होती हैं। इसके कारण वह हांफने लगती है और इसी कारण कई बार उनकी मृत्यु भी हो जाती है। इसी प्रकार वैज्ञानिकों द्वारा इस बात की जानकारी भी दी गई है कि सूखा और संसाधनों की कमी हाथियों की मौत के प्रमुख कारणों बन गया है।
जलवायु परिवर्तन क्या है?
जलवायु एक लंबे समय में या कुछ दशकों में किसी भौगोलिक स्थान का औसत मौसम है और जब उन्हीं औसत परिस्थितियों में बदलाव होता है तो जलवायु परिवर्तन होता है। इसी बदलाव के कारण उस क्षेत्र के जीवों व पेड़-पौधों को खतरा पैदा हो जाता है।
जलवायु के बदलाव के क्या कारण है?
मानव समाज की प्रगति और जीवनशैली को अच्छा बनाने के लिए लगातार प्राकृतिक संपत्तियों का हनन कर रहा है। इसमे कोयला एक मुख्य साधन संपत्ति है। कोयले का प्रयोग मानव सदियों से अपने ऊर्जा की जरूरत को पूरा करने के लिए करता आ रहा है। दुनिया में लगभग 35 प्रतिशत से 40 प्रतिशत तक ऊर्जा की पूर्ति कोयले से की जाती है। कोयले को जलाने से उसमें से कार्बन मुक्त होता है यह कार्बन पृथ्वी का तापमान बढ़ाने का मुख्य कारण है। पृथ्वी को जो सुरज से जो ऊर्जा मिलती है उसमें से कुछ ऊर्जा पृथ्वी वापस सौर मंडल में भेजती है कार्बन और अन्य कुछ गैस मिलकर उस ऊष्णता को पृथ्वी से बाहर जाने से रोक देती हैं। इस वजह से पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है।

