हाल में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद सीएम देवेंद्र फडणवीस के मंत्रिमंडल का विस्तार भी हो गया है। जिसमें एनसीपी अजित गुट के नेता छगन भुजबल जगह नहीं मिलने के बाद से नाराज बताए जा रहे हैं। यहां तक कि वे शीतकालीन सत्र छोड़कर चले गए। छगन ने दावा किया है कि देवेंद्र फडणवीस उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करना चाहते थे। उनका नाम मंत्रिमंडल की सूची में था। अचानक अंतिम क्षण में उनका नाम हटा दिया गया। मंत्रिमंडल से मेरा नाम किसने हटाया मैं यह पता कर रहा हूं। छगन भुजबल ने मंत्री नहीं बनाए जाने पर कहा कि जहां नहीं चैना, वहां नहीं रहना। यह कहते हुए पार्टी छोड़ने के संकेत दिए हैं। इसके बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि भुजबल अजित पवार और ‘महायुति’ छोड़ सकते हैं। उनके इस फैसले से महाराष्ट्र की सियासत में हलचल मच सकती है। भुजबल के कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब 2019 में महाविकास आघाड़ी की सरकार बनी थी तो शिवाजी पार्क में उद्धव ठाकरे के अलावा चार अन्य नेताओं ने शपथ ली थी उनमें भुजबल भी शामिल थे। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भुजबल की गिनती महाराष्ट्र में बड़े नेताओं में होती है। शिवसेना से राजनीति की शुरुआत करने वाले भुजबल शरद पवार को अपना सलाहकार मानते हैं। भले ही भुजबल अभी नाराजगी दिखा रहे हैं लेकिन बहुत हद तक संभावना है कि वे राज्यसभा की सीट पर आखिर में मान जाएंगे।
महायुति के बाय-बाय करेंगे भुजबल

