पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं । इस बार राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़े मुकाबले के आसार बन रहे हैं। भाजपा की पूरी कोशिश है कि वह इस बार ममता बनर्जी के गढ़ को ध्वस्त कर अपना झंडा फहराये।
बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से लेकर प्रदेश इकाई के नेताओं को पश्चिम बंगाल की सत्ता में अपनी संभावना दिख रही है। ऐसे में पार्टी कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती। केंद्रीय नेतृत्व राज्य में पार्टी की हर छोटी से छोटी कमी को सुलझाने में जुटा है।
भाजपा के बंगाल के प्रभारी केंद्रीय नेताओं ने दखल देकर पार्टी के युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सौमित्र खान और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के बीच विवाद सुलझाया। घोष ने युवा शाखा की सभी जिला समितियों को पिछले सप्ताह भंग कर दिया था। भाजपा सूत्रों के अनुसार पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने घोष और खान से बातचीत की और उन्हें अपने मतभेद सुलझाने की सलाह दी।
प्रदेश भाजपा के एक नेता ने कहा, ”प्रदेश के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने दखल दिया और दोनों से स्थिति सुलझाने को कहा।”वहीं विजयवर्गीय कहा कि उन्होंने खान और घोष से मिल-बैठकर मतभेद दूर करने को कहा है।

