भारतीय जनता पार्टी का घोषित लक्ष्य तो ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ का है लेकिन उसको सबसे अधिक कष्ट आम आदमी पार्टी से है। दिल्ली की सत्ता से आप को बेदखल करने के लिए भाजपा आलाकमान बेचैन बतााया जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि किसी भी दौर में ऐसा नहीं होते देखा गया जैसा बीते दस बरसों में आम आदमी पार्टी के संग केंद्र सरकार करती नजर आ रही है। आप के शीर्ष नेतृत्व को जेल भेजने, उपराज्यपाल के जरिए दिल्ली सरकार के हर निर्णय पर अडंगा लगाने और आप नेताओं पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के जरिए शिकंजा कसने सरीखे तमाम प्रयासों बाद भी केजरीवाल एंड टीम पर भाजपा नकेल डालने में असमर्थ रही है। ताजा प्रकरण आप के राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा के घर और दफ्तर में ईडी के छापों का है। गत् सप्ताह हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनाव नतीजों से ठीक एक दिन पूर्व ईडी ने अरोड़ा के यहां छापेमारी कर डाली। इस छापेमारी के पीछे अरोड़ा का किसी कथित जमीन घोटाले में शामिल होना बताया जा रहा है। खबर गर्म है कि दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना के सरकारी आवास को सील करने का असल कारण, भाजपा हर कीमत पर आप का दिल्ली में प्रभाव कम करने की जिद है जो अब राजनीतिक मर्यादा और शुचिता की लक्ष्मण रेखा पार कर अपने निम्नतम स्तर पर जा पहुंची है।
आप से त्रस्त भाजपा

