उत्तर प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव से पहले बुंदेलखंड क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी माने जाने वाले पूर्व आईपीएस अधिकारी और डीजीपी रहे सुलखान सिंह ने एक प्रेस वार्ता में बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाए जाने की मांग की है। इस संदर्भ में उन्होंने राजनीतिक दल का भी एलान किया है। सुलखान सिंह ने अपनी पार्टी का नाम ‘बुंदेलखंड लोकतांत्रिक पार्टी’ रखा है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि सुलखान सिंह के इस कदम से बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उन्होंने मांग की है कि बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, जालौन, झांसी, ललितपुर और एमपी के दमोह, पन्ना, छतरपुर, दतिया, सागर, टीकमगढ़, निवाड़ी और अशोकनगर को मिलाकर बुंदेलखंड अलग राज्य बनाया जाए। इससे पहले बीजेपी नेता संजीव बालियान ने भी पश्चिमी यूपी की मांग की थी। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सुलखान सिंह के इस कदम से बीजेपी पर कई तरह से असर पड़ सकता है। सबसे पहले यह पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में बुंदेलखंड के क्षेत्रों में बीजेपी के लिए चुनौती बन सकती है। सुलखान सिंह के पास एक मजबूत राजनीतिक पृष्ठभूमि है और वे क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हैं। ऐसे में उनकी नई पार्टी के चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने की संभावना है। दूसरे, यह पार्टी बीजेपी को बुंदेलखंड क्षेत्र में अपनी नीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर सकती है। सुलखान सिंह की पार्टी ने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर बीजेपी पर कई तरह के आरोप लगाए हैं। ऐसे में बीजेपी को इन आरोपों का जवाब देने और क्षेत्र की समस्याओं का समाधान करने के लिए कदम उठाने की जरूरत पड़ सकती है। तीसरे, यह पार्टी बीजेपी को बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए मजबूर कर सकती है। सुलखान सिंह की पार्टी बुंदेलखंड राज्य की मांग का समर्थन करती है। ऐसे में बीजेपी को इस मांग पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी पड़ेगी। कुल मिलाकर, सुलखान सिंह के इस कदम से बीजेपी के लिए बुंदेलखंड क्षेत्र में चुनौतियां बढ़ सकती हैं।

You may also like

MERA DDDD DDD DD