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राफेल पर केंद्र को झटका, गरमायी राजनीति

नई दिल्ली। राफेल मामले में केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से मिले बड़े झटके के साथ ही विपक्ष एक बार फिर हमलावर हो गया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने पाया है कि चौकीदार चोर है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर सीधा हमला किया है। इसी तरह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सवाल उठाया है कि मोदी जी कह रहे थे कि राफेल मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से क्लीनचिट मिली है, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साबित हो गया है कि मोदी जी ने राफेल में चोरी की है। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि राफेल मामले में संसद के भीतर बार-बार झूठ बोलकर देश को गुमराह किया गया। प्रधानमंत्री मोदी को माफी मांगनी चाहिए और रक्षा मंत्री इस्तीफा दें।

केंद्र सरकार की उन प्रारंभिक आपत्तियों को खारिज कर दिया है, जिसमें सरकार ने याचिका के साथ लगाए गए दस्तावेजों पर विशेषाधिकार बताया था। केंद्र सरकार ने कहा था कि जो दस्तावेज याचिका के साथ दिए गए हैं, वह गलत तरीके से रक्षा मंत्रालय से हासिल किए गए हैं। इन गोपनीय दस्तावेजों पर सुप्रीम कोर्ट भरोसा नहीं कर सकता।

केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे में क्लीन चिट देने से संबंधित पूर्व में दिए गए फैसले की समीक्षा की मांग कर केंद्र की आपत्तियों को खारिज कर दिया था। केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट में कहा गया था कि तीनों याचिकाकर्ताओं यशवंत सिन्हा, अरूण शौरी और प्रशांत भूषण ने अपनी समीक्षा याचिका में जिन दस्तावेजों का इस्तेमाल किया है, उस पर उसका विशेषाधिकार है और उन दस्तावेजों को याचिका से हटा देना चाहिए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ये दस्तावेज सुनवाई का हिस्सा होंगे।

सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की बैंच ने सहमति से फैसला सुनाया है। राफेल पर पुनर्विचार याचिका की तारीख पर आदेश जारी करेंगे।

सरकार का कहना था कि मूल दस्तावेजों की फोटोकॉपी अनधिकृत रूप से तैयार की गईं और इसकी जांच की जा रही है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि रक्षामंत्रालय से ये दस्तावेज चोरी करके फोटोकॉपी करवाई गई और कोर्ट में सुनवाई के लिए पेश किए गए।

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