कांग्रेस की वर्तमान में मात्र तीन राज्यों में खुद की सरकारें हैं। इन तीन में से दो राज्य हिमाचल और कर्नाटक ऐसे हैं जहां वर्तमान मुख्यमंत्री को हटा खुद मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने वाले नेताओं की भरमार है। कर्नाटक में अब ऐसा सपना देखने वाले नेता पूरी तरह सक्रिय हो चले हैं। खबर गर्म है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर जैसे ही एक जमीन घोटाले से जुड़ा मुकदमा दर्ज हुआ, ये नेता सक्रिय हो उठे हैं। इन नेताओं में मुख्य रूप से चार का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है। पहले नम्बर पर राज्य के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार हैं। इनके अलावा तीन अन्य मंत्री जी. परमेश्वरा, एच.सी. महादेवाप्पा और सतीश जारकीहोली भी आपदा में अवसर तलाशने में जुट गए हैं। गत् सप्ताह इन तीन मंत्रियों ने महादेवाप्पा के सरकारी आवास पर लम्बी बैठक की। जानकारों की मानें तो बैठक का एजेंडा सिद्धारमैया के स्थान पर किसी दलित को मुख्यमंत्री बनाने का था। ये तीनों ही मंत्री दलित समाज से आते हैं। हालांकि चर्चा यह भी जोरों पर है कि इस्तीफा देने की अवस्था में सिद्धारमैया किसी भी सूरत में राज्य की कमान डी.के. शिवकुमार को नहीं देना चाहेंगे। इसलिए अपने इन तीन विश्वस्त मंत्रियों के जरिए वह दलित कार्ड खेल डी.के. शिवकुमार का खेल बिगाड़ने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
कर्नाटक कांग्रेस में घमासान शुरू

