बीजेपी ने लगातार दो बार लोकसभा चुनाव जीतकर साबित कर दिया है कि मेहनत,लगन और कठिन परिश्रम से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। भारत पर कांग्रेस का सबसे ज्यादा शासन रहा है। लेकिन अब स्थिति यह आ गई है कि लोग कांग्रेस के चुनाव चिन्ह को भूलते जा रहे है। तो वहीं कमल देश के अलग-अलग राज्यों में खिलता जा रहा है। यहां पहले गांवों में बीजेपी का झंडा पकड़ने के लिए कार्यकर्ता को ढूढ़ना पड़ता था। अब वहीं हाल धीरे-धीरे कांग्रेस का होता जा रहा है। कांग्रेस के पीछे रहने की वजह यह भी मानी जाती है कि कांग्रेस ने अपनी जड़े खुद ही उखाड़ ली, क्योंकि कांग्रेस नेता जमीनी हकीकत को जानने के बजाए ट्विटर की न्यूज को ही सच मान लेते है। एसी वाले कमरों में बैठकर वह बस ट्वीट ही करते रहते है। लेकिन दूसरी तरफ बीजेपी आलाकमान लगातार अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरती नजर आती है। चुनावों से ठीक पहले जहां कांग्रेस कार्यकर्ता चुनाव की तैयारियां करते है तो बीजेपी अपनी तैयारियां मुक्कमल कर लेती है। बीजेपी पर आरोप लगता आ रहा है कि वह राष्ट्रवाद का सहारा लेकर सत्ता में आई है। उन्होंने देश को सर्वापरि माना है। ऐसा नहीं है कि कांग्रेस देश को सर्वापरि नहीं मानती, मगर कांग्रेस की छवि को बार-बार दागदार करके बीजेपी ने जनता के बीच कांग्रेस की छवि को देश विरोधी बना दिया है। लेकिन अब कांग्रेस भी बीजेपी की राष्ट्रवाद वाली रणनीति पर चलने को मजबूर हो रही है। हालांकि कांग्रेस के लिए अभी तक कांग्रेस के अध्यक्ष को लेकर काफी विवाद चल रहा हैं।
28 दिसंबर को कांग्रेस अपना 36वां स्थापना दिवस मना रही है। अब पार्टी अपने कार्यकर्ताओं में नया जोश फूंकने के लिए राष्ट्रवाद का सहारा ले रही है। कांग्रेस इस बार अपने स्थापना दिवस को नए ढंग से मनाने की तैयारी कर रही है। स्थापना दिवस के अवसर पर कांग्रेस ने राज्यों और जिला इकाईयों से कहा है कि इस बार वह कुछ रचनात्मक अभियानों के बारें में सोचें। ताकि पार्टी कार्यकर्ताओं के टूटे मनोबल को दोबारा खड़ा किया जाए। कांग्रेस अपने अभियानों में इस बार ‘सेल्फी विद तिरंगा’ नाम से डिजिटल कैपेंन शुरू कर रही है। बीजेपी भी कई बार इस तरह के राष्ट्रवादी अभियानों को अंजाम दे चुकी है। पार्टी ने नेताओं और कार्यकर्ताओं से कहा है कि वो सोशल मीडिया पर ‘सेल्फ़ी विद तिरंगा’ से जुड़ी तस्वीरें और वीडियो पोस्ट करें। अब सवाल यह है कि क्या देश की जनता कांग्रेस के राष्ट्रवाद अभियान को कितना तूल देती है। यह आने वाला समय बताएंगा।

