कांग्रेस के लोकसभा सांसद मनीष तिवारी ने 9 फरवरी को बताया कि पंजाब के सभी पार्टी सांसदों ने नए केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए संसद में प्राइवेट मेंबर्स बिल लाने का फैसला किया है। वहीं आनंदपुर साहिब से सांसद तिवारी ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 फरवरी को राज्यसभा में कृषि कानूनों पर चर्चा हुई थी। किसान उन पर विश्वास करने को तैयार नहीं है। पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने बताया कि कांग्रेस सांसद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिल कर बातचीत और उनसे अनुरोध करेंगे कि वे लोकसभा सचिवालय को सौंपे गए, विधेयकों पर चर्चा की अनुमति दें। कांग्रेस नेता ने कहा कि वे इस मुद्दे पर राज्यसभा के सभापति से भी मिल कर अपनी बात रखेंगे। एक अन्य कांग्रेस सांसद परनीत कौर ने बताया कि वे इन कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग रखेंगे।
पंजाब के सांसदों ने संसद के अन्य सदस्यों से अपील की है कि वे कृषि कानूनों पर ऐसे विधेयकों की शुरुआत करें। कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल ने कहा, जिन सांसदों ने कृषि के तौर पर अपना पेशा बताया है, उन्हें प्राइवेट मेंबर्स बिल लाने चाहिए। कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा, लोकसभा में 203 और राज्यसभा में 64 सांसदों ने कृषि को अपना पेशा दिखाया है। हम उनसे पक्षपातपूर्ण राजनीति से बाहर निकलकर इन प्राइवेट मेंबर्स बिल में मदद करने की अपील करेंगे।
मनीष तिवारी ने कहा कि संसदीय इतिहास में इस तरह के 14 विधेयकों को कानूनों में बदला गया है। मंत्री द्वारा लाए गए विधेयक ‘बिल’ को सरकारी बिल कहा जाता है, जिसका समर्थन सरकार करती है। वहीं प्राइवेट मेंबर बिल उन सांसदों द्वारा पेश किया जाता है, जो मंत्री नहीं होते। अब इसका मुख्य उद्देश्य सरकार का ध्यान उन मुद्दों की तरफ दिलाना होता है, जो महत्वपूर्ण होते हैं और जिन पर कानूनी हस्तक्षेप की जरूरत होती है।

