Country

नकल पर लगाम ,सरकार का बड़ा रुख

नकल कराने वाले संस्थानों और माफियाओं पर रोक लगाने और युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए केंद्र सरकार आज यानि 5 फरवरी को लोक सभा में “लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण” बिल पेश हुआ । यह बिल कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जीतेंद्र सिंह ने पहले निचले सदन फिर लोकसभा में पेश किया। लोकसभा में पास होने के पश्चात ही इसे राज्यसभा में पेश किया जायेगा। जल्द ही होने वाले लोक सभा चुनावों और जून तक होने वाले विभिन्न भर्ती व प्रवेश परीक्षाओं के मद्देनजर इस लोक परीक्षा विधेयक को संसद के इसी सत्र में पास किया किए जाने की संभावना जताई जा रही है। प्रतिभाओं को संरक्षण देने के लिए सख्त रुख अपनाने हेतु राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा भी 31 जनवरी को कहा गया था कि सरकार विभिन्न परीक्षाओं में पेपर लीक जैसे मामलों पर लगाम लगाने के लिए लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) विधेयक 2024 को लोकसभा में प्रस्तुत कर सकती है।

 

केंद्र सरकार अब प्रवेश परीक्षाओं में होने वाली नकल और पेपर लीक जैसे घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है। पेश किए गए विधेयक के तहत नकल करने वाले आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाई करने का प्रावधान किया गया है। यह बिल ऐसे समय में पेश किया गया है जब पिछले कुछ महीने में तेलंगाना , राजस्थान , मध्यप्रदेश ,गुजरात , झारखंड समेत कई राज्यों से पेपर लीक जैसे मामले सामने आए। इस वजह से परीक्षाओं को रद्द करना पड़ा जिससे प्रशासन को युवाओं की नाराजगी सामना करना पड़ा।

 

इस मांमले में केंद्र सरकार सख्ती से रुख अपनाते हुए यह बिल पेश कर रही है। जिसका मकसद नकल और पेपर लीक जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाते हुए सार्वजनिक परीक्षा प्रणाली में अधिक पारदर्शिता, निष्पक्षता और विश्वसनीयता भी लाना है। जिससे देश के युवाओं कि ईमानदारी मेहनत बेकार नहीं जाएगी और उनका भविष्य सुरक्षित है इसका विश्वास उन्हें हो सके है। आज पेश होने वाले इस बिल का उदेश्य UPSC, SSC, रेलवे, NEET, JEE और CUET सहित कई सार्वजनिक परीक्षाओं में धोखाधड़ी को रोकना है।

 

बिल के तहत किए गए प्रावधान

 

लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण बिल के अंतर्गत कई प्रावधान किए गए हैं। यदि कोई व्यक्ति/ससंस्थान केंद्र सरकार द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं के पेपर लीक में शामिल पाया जाता है तो उसके खिलाफ दस साल तक की सजा और कम से कम एक करोड़ तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इस बिल के अनुसार शीर्ष प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए राष्ट्रीय मानक भी तैयार किए जायेंगे। इसके अलावा इस बिल में उत्तर पुस्तिका में छेड़छाड़, मेरिट लिस्ट के दस्तावेजों में हेराफेरी या किसी और की जगह परीक्षा देने जैसे अपराध को शामिल किया गया है। प्रस्तावित बिल में मामले की जांच किसी ऐसे अधिकारी से कराने का प्रावधान किया गया है जो पुलिस उपाधीक्षक या सहायक पुलिस आयुक्त स्तर से नीचे का न हो। इस बिल के तहत केंद्र सरकार के पास जांच को किसी भी केंद्रीय एजेंसी को सौंपने का भी अधिकार होगा।

 

यह भी पढ़ें : मुगल इतिहास पढ़ानें के लिए अलग से चलेगी किताब

You may also like

MERA DDDD DDD DD