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न्यूयॉर्क इंडिया डे परेड में राम मंदिर झांकी को लेकर हुआ धार्मिक विवाद 

हाल ही में देश ने अपना 78 वा स्वतंत्रता दिवस मनाया है । इस जश्न को अमेरिका में रहने वाले भारतीय प्रवासियों द्वारा बड़े धूम धाम से मनाया गया । भारतीय स्वतंत्रा दिवस के मौके पर न्यूयॉर्क शहर में 42 वी इण्डिया डे परेड का आयोजन किया गया था। हालांकि हर साल भव्य तरीके से होने वाली यह परेड इस साल धार्मिक विवादों में फंस गई। कई भारतीय मुसलमानों ने इस परेड का बायकॉट किया। भारतीय मुसलमानों ने परेड में शामिल की गई राम मंदिर झांकी को मुस्लिम विरोधी बताते हुए इसे हटाने की मांग की थी । इसके बावजूद भी भव्य परेड का आयोजन किया गया था जिसमें मुस्लिम संगठनों की झांकियां भी शामिल हुई थी ।

 

मीडिया रिपोर्ट्स द्वारा दावा किया गया है कि ‘मुस्लिम्स फॉर पीस’ ने न्यूयॉर्क में इंडिया डे परेड में भाग लिया। इस संगठन की झांकी  हिंदुओं, सिखों और ईसाइयों की झांकियों के साथ शामिल हुईं थी। ‘मुस्लिम्स फॉर पीस’ ने इस परेड में शामिल होकर एक अन्य समूह के इस कार्यक्रम के इस्लामी बहिष्कार के दावे को खारिज कर दिया । मुस्लिम फॉर पीस के सदस्यों ने 18 अगस्त को मैडिसन एवेन्यू में ‘सभी के लिए प्रेम, किसी के लिए घृणा नहीं’ लिखे बैनर के साथ अपनी झांकी के आगे मार्च किया। गौरतलब है कि इंडियन मुस्लिम ऑफ नॉर्थ अमेरिका समूह के अध्यक्ष इम्तियाज सियामवाला द्वारा बहिष्कार की घोषणा को सीएनएन की वेबसाइट पर एक समाचार में प्रमुखता से दिखाया गया था। जिसमें मुस्लिम्स फॉर पीस की भागीदारी को नजरअंदाज कर दिया गया। सियामवाला को यह कहते हुए उल्लेखित किया गया था कि मंदिर की झांकी “मुसलमानों के खिलाफ पूर्वाग्रह का प्रतीक” थी। वहीं मुस्लिम फॉर पीस एक ऐसा संगठन है जिसमें अहमदिया समुदाय के सदस्य शामिल हैं , जो स्वयं इस्लामी उत्पीड़न के शिकार हैं। राम मंदिर झांकी के खिलाफ अभियान चलाने वाले भारतीय अमेरिकी मुस्लिम काउंसिल ने इस झांकी को शामिल किए जाने को लेकर  “मुस्लिम घृणा, कट्टरता” कहकर इसकी आलोचना की और इसे प्रतिबंधित करने का असफल प्रयास किया। लेकिन अहमदिया इस्लामी घृणा और कट्टरता के शिकार हैं। अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार, उन्हें “पाकिस्तान के सख्त ईशनिंदा कानूनों के तहत अपने धर्म के पहलुओं का पालन करने” से मना किया जाता है और उन्हें उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है, जिसने पिछले महीने समुदाय पर हुए हमले में तीन लोगों की मौत का दस्तावेजीकरण किया था। वहीं भारत में अहमदिया लोग अपने धर्म का पालन करने के लिए स्वतंत्र हैं।

 

 

 

गौरतलब है कि काउंसिल ऑन अमेरिकन इस्लामिक रिलेशंस, इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल और हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स के समूहों द्वारा न्यूयॉर्क शहर के मेयर एरिक एडम्स और न्यूयॉर्क के गवर्नर कैथी होचुल को एक पत्र लिखा गया था। जिसमें इस झांकी को मुस्लिम विरोधी बताया गया था। उसमें कहा गया था कि यह ‘मस्जिद’ को गिराए जाने का महिमामंडन करती है। अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल के अध्यक्ष इम्तियाज सियामवाला ने पत्र में कहा था कि ‘हमें भारी मन से अपनी झांकी वापस लेने पर मजबूर होना पड़ रहा है, क्योंकि परेड की अखंडता पर सवाल उठ रहे हैं। सियामवाला ने अमेरिकी न्यूज नेटवर्क सीएनएन को बताया था कि हम भाग लेने चाहते थे, लेकिन जब हमें पता चला कि राम मंदिर की प्रतिकृति वाली झांकी होने जा रही है, तो हमें लगा कि यह मुसलमानों के खिलाफ पक्षपात का प्रतीक है। खबरों के अनुसार  स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले एक प्रेस कांफ्रेंस में आईएएमसी ने झांकी को अमेरिकी मूल्यों का अपमान भी बताया था। इसके अलावा दलित सॉलिडेरिटी फोरम के सदस्य एकलान सिंह द्वारा मैनहट्टन परेड में राम मंदिर की छवियों का जश्न मनाने के विचार को “स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी का मज़ाक उड़ाने” जैसा बताया गया था । 

 

एनबीसी न्यूज़ की एक ख़बर अनुसार  कई दक्षिण एशियाई अमेरिकी संगठन और सांसदों ने भी न्यूयॉर्क शहर में इंडिया डे परेड में प्रदर्शित की गई झांकी की निंदा की थी ।  इस परेड में राम मंदिर के झांकी को शामिल करने को लेकर सांसदों का कहना था कि न्यूयॉर्क को अपने सभी दक्षिण एशियाई समुदायों पर विचार करना चाहिए। उनका कहना था कि हिन्दू और मुस्लिम निर्वाचित प्रतिनिधि के तौर पर अपने शहर की सड़कों पर हम भारीतय संस्कृति और विरासत के उत्सव का स्वागत करते हैं । लेकिन इस प्रकार के सार्वजनिक समारोह में विभाजन या कट्टरता के प्रतीक को शामिल नहीं किया जाना चाहिए। इसी के प्रतिक्रिया स्वरूप परेड में झांकी का आयोजन करने वालों में शामिल ‘विश्व हिंदू परिषद ऑफ़ अमेरिका’ का कहना था  कि वह अयोध्या में मंदिर का जश्न “एक पवित्र स्थल के रूप में मनाता है जो हज़ारों साल से हिंदू आस्था और अध्यात्म का केंद्र रहा है। वीएचपी अमेरिका के अध्यक्ष अजय शाह भारत के दक्षिणपंथी राष्ट्रवादी संगठन विश्व हिंदू परिषद से जुड़े हैं। अजय शाह ने झांकी की आलोचना कर रहे लोगों पर हिन्दुओं के प्रति नफरत का आरोप लगाया हैं। उन्होंने कहा कि उनका काम हर समय मुख्यधारा के हिंदुओं और उनकी आस्था को बदनाम करना है।  उनकी समस्या किसी एक मंदिर से नहीं बल्कि सभी मंदिरों से है। उस दौरान उन्होंने  निर्वाचित प्रतिनिधियों से अपील की थी कि वो हिंदू धर्म और उसके अनुयायियों को बदनाम करने की अपील को अस्वीकार करें। 

परेड में शामिल हुई अयोध्या की राम मंदिर झांकी

सभी विवादों और आलोचनाओं के बावजूद अयोध्या की झांकी को भव्यता के साथ शामिल किया गया। यह 18 फुट लंबी, नौ फुट चौड़ी और आठ फुट ऊंची लकड़ी से बनी राम मंदिर की झांकी विशेष रूप से भारत में बनाई गई थी। जिसके बाद इसे न्यूयॉर्क भेजा गया । इस झांकी ने श्रद्धालुओं को राम मंदिर के दर्शन का अनुभव दिया। मंदिर और मुस्लिम फॉर पीस की झांकियों के अलावा, गुरु तेग बहादुर को सम्मानित करने वाली एक झांकी और अमेरिका में भारतीय ईसाइयों के राष्ट्रीय संघ की एक झांकी भी परेड में शामिल हुई। भारत के यहूदियों का प्रतिनिधित्व करने वाले इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बेने इजरायल-यूएसए तथा ‘ओम शांति’ का उद्घोष करते हुए बौद्धों के एक समूह ने भी परेड में भाग लिया, जिससे भारत की धार्मिक विविधता का प्रदर्शन हुआ।  भारतीय प्रवासियों ने खुशी के साथ अपनी मातृभूमि की सांस्कृतिक समृद्धि और धार्मिक विविधता का जश्न मनाया। 

 

न्यूयॉर्क शहर में कई स्थानों पर बड़े धूम धाम हर्षोलास के साथ स्वतंत्रता दिवस की वर्ष गांठ मनाई गई। न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूतावास, संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन, टाइम्स स्क्वायर और लोअर मैनहट्टन में भारतीय प्रवासियों तथा शहर के अधिकारियों की उपस्थिति में ध्वजारोहण समारोह आयोजित थे। लातिनी अमेरिका की यात्रा से पहले  शहर में मौजूद रहे विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मार्गेरिटा द्वारा टाइम्स स्क्वायर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया ।  पबित्रा मार्गेरिटा ने इस मौके पर भारतीय प्रवासियों को देश की प्रगति की जानकारी देते हुए स्वतंत्रता दिवस की बधाई भी दी। इसके अतिरिक्त फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन एनवाई-एनजे-एनई द्वारा आयोजित समारोह में भारतीय बॉलीवुड गानों पर कई नृत्य प्रस्तुतियों  का आयोजन किया गया था ।अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने वॉशिंगटन डीसी में इंडिया हाउस में तिरंगा फहराया।

 

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