कर्नाटक के नाटक में आज निर्णायक मोड़ आ गया है । कुमारस्वामी सरकार अब गुरुवार यानी अठारह जुलाई को विधानसभा में बहुमत साबित करेगी। इससे पहले एचडी कुमारस्वामी ने सदन में बहुमत साबित करने की इजाजत मांगी थी। जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने फैसला सुनाया है।
कांग्रेस और जेडीएस को उम्मीद है कि बागी विधायक उनका साथ देंगे और सरकार बचाने में मदद करेंगे।आज कांग्रेस ने अपने विधायक दल की बैठक बुलाई। वहीं भाजपा का कहना है कि 15 से ज्यादा विधायक जिन्होंने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। उन्होंने भाजपा के साथ जाने के संकेत दिए हैं। ऐसे में कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के कारण विधानसभा अध्यक्ष स्पीकर के पास विधायकों को अयोग्य घोषित करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय के निर्णय के कारण स्पीकर के पास किसी को भी अयोग्य घोषित करने का अधिकार नहीं है।
न्यायालय ने स्पीकर को इस्तीफा दे चुके 10 विधायकों की याचिका पर सुनवाई की और स्पीकर केआर रमेश को निर्देश दिया कि 16 जुलाई तक इस्तीफे अयोग्य घोषित करने पर यथास्थिति बरकरार रखी जाए। इससे पहले भाजपा ने दावा किया था कि गठबंधन सरकार अपना बहुमत खो चुकी है। येदियुरप्पा ने कुमारस्वामी से कहा है कि वह या तो विश्वास मत का सामना करें या इस्तीफा दे दें।
भाजपा नेता सुरेश कुमार ने विधानसभा में कहा, ‘यह कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी पर निर्भर करता है कि वह राज्य को बताएं कि उनके पास पूर्ण बहुमत है। उन्होंने खुद इसके लिए स्पीकर से समय मांगा है। पहले समय दिया जाना चाहिए और उसके बाद बाकी के कार्य होने चाहिए। हमारे सभी 105 विधायक एकसाथ है।
कर्नाटक के 14 बागी विधायकों ने पोवई पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर को पत्र लिखा है। जिसमें उनका कहना है कि हमारा मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद या कांग्रेस के कर्नाटक या महाराष्ट्र के किसी गणमान्य व्यक्ति या किसी भी राजनीतिक नेता से मिलने का कोई इरादा नहीं है क्योंकि हमें उनसे जान का खतरा है।

