भारतीयों के साथ अमानवीय व्यवहार
सत्ता सम्भालने के बाद ही अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने स्पष्ट संकेत दे दिए थे कि उनका दूसरा कार्यकाल अमेरिकी हितों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाने वाला साबित होने जा रहा है। बड़े पैमाने पर अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों को बाहर निकालने की कार्यवाही इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है। ट्रम्प के इस कदम की लेकिन भारी आलोचना इस कारण हो रही है कि ऐसे अवैध रूप से रह रहे विभिन्न देशों के लोगों संग अमेरिकी सरकार ने बेहद अमानवीय व्यवहार किया है। गौरततलब है कि बाइडेन प्रशासन के दौरान वित्तीय वर्ष 2024 (अक्टूबर 2023 से सितम्बर 2024) में अमेरिका ने लगभग 1,500 भारतीय नागरिकों को निर्वासित किया था। हालांकि इन निर्वासनों के दौरान भारतीय नागरिकों के साथ कैदियों जैसा व्यवहार किए जाने की कोई व्यापक रिपोर्ट सामने नहीं आई। हाल ही में ट्रम्प प्रशासन ने 104 भारतीयों को निर्वासित करते समय उन्हें हथकड़ी और बेड़ियों में बांधकर भेजा गया, जिसके कारण यह मुद्दा चर्चा में आया। इन व्यक्तियों को एक अमेरिकी सैन्य विमान के माध्यम से भारत के अमृतसर शहर में लाया गया। यह पहली बार है जब अमेरिका ने भारतीय नागरिकों के निर्वासन के लिए सैन्य विमान का उपयोग किया है।
निर्वासितों के साथ अमानवीय व्यवहार
निर्वासित व्यक्तियों ने आरोप लगाया है कि यात्रा के दौरान उन्हें हथकड़ी और पैरों में बेड़ियों से बांधा गया, जिससे उन्हें वॉशरूम जाने में भी कठिनाई हुई। इस अमानवीय व्यवहार के खिलाफ भारत में विपक्षी दलों ने संसद में जोरदार विरोध किया और सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संसद में बताया कि अमेरिका में 2012 से निर्वासन के दौरान संतुलित व्यवहार के उपयोग के नियम लागू हैं और भारत सरकार अमेरिकी अधिकारियों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि भविष्य में निर्वासितों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार न हो।
भारत-अमेरिका सम्बंधों पर प्रभाव
अवैध भारतीय प्रवासियों के निर्वासन का यह कदम भारत-अमेरिका सम्बंधों में एक संवेदनशील मुद्दा बन गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन यात्रा से पहले यह कार्रवाई हुई है, जिसमें दोनों देशों के बीच आव्रजन, व्यापार और रणनीतिक साझेदारी जैसे मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। भारत, अमेरिका के साथ अपने सम्बंधों को मजबूत करने के लिए अवैध आव्रजन के मुद्दे पर सहयोग कर रहा है, ताकि कानूनी प्रवास के लिए और अधिक अवसर पैदा किए जा सकें।
अवैध आव्रजन की पृष्ठभूमि
प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार, अमेरिका में लगभग 7,25,000 भारतीय अवैध रूप से रह रहे हैं, जो मैक्सिको और अल सल्वाडोर के बाद तीसरी सबसे बड़ी संख्या है। ट्रम्प प्रशासन ने अवैध आव्रजन के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है, जिसके तहत भारतीय नागरिकों का निर्वासन भी शामिल है। भारत सरकार ने कहा है कि वह अवैध रूप से विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों की पहचान करने और उनकी वापसी की प्रक्रिया में अमेरिकी अधिकारियों के साथ सहयोग कर रही है।
कुल मिलाकर अवैध भारतीय प्रवासियों का निर्वासन भारत-अमेरिका सम्बंधों में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। दोनों देशों के बीच आव्रजन नीतियों पर सहयोग और संवाद जारी है, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों को संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण से सम्भाला जा सके।

