उत्तराखण्ड के सियासी गलियारों में बीते कई दिनों से चर्चाओं का बाजार गर्म था कि बदरीनाथ और मंगलोर उपचुनाव में भाजपा की हार के बाद राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का जलवा कम हो गया है और पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व अब धाकड़ धामी को खास तवज्जो नहीं दे रहा है। प्रदेश भाजपा के कई नेता दबी जुबान में शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत की केंद्रीय नेताओं से बीते दिनों हुई मुलाकात का हवाला दे कहते सुने जा रहे थे कि अब ‘सीएम इन वेटिंग’ का जैक पाट लगाने वाला है। ऐसा कुछ लेकिन हुआ नहीं। उल्टे जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव में धामी को स्टार प्रचारक बना उतारा गया। धामी जिस भी सीटों पर प्रचार के लिए गए, लगभग सभी सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। चुनाव नतीजों बाद मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री से लम्बी मुलाकात का मौका भी मिला।

सूत्रों की मानें तो इस मुलाकात के दौरान न केवल धामी ने राज्य की जल विद्युत परियोजनाओं के बाबत प्रधानमंत्री की सहमति प्राप्त की, बल्कि केंद्र सरकार की क्षेत्रीय सम्पर्क योजना के अंतर्गत देहरादून, गौचर और चिन्यालीसौड़ मध्य हेलिकॉप्टर सेवाओं को दोबारा से शुरू करने सम्बंधी निर्देश भी प्रधानमंत्री द्वारा नागरिक उड्डयन मंत्री को दिला पाने में सफल रहे। खबर यह भी गर्म है कि केंद्रीय नेतृत्व ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव में धामी को हिंदुत्व का पोस्टर ब्वॉय बना आगे रखने का फैसला भी लिया है। सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बढ़ते प्रभामंडल से भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व खास प्रसन्न नहीं है। इस अप्रसन्नता के पीछे मोदी बाद कौन? की वह अघोषित जंग है जिसमें योगी हाल-फिलहाल सबसे आगे चल रहे हैं। जानकारों की मानें तो योगी के कद को थामने की रणनीति के तहत ही हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में पुष्कर सिंह धामी की अधिक रैलियां रखी गईं और उन्हें ऐसे मुख्यमंत्री बतौर पेश किया जो समान नागरिक संहिता सरीखा कानून बनाने का दम रखता है और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के हिंदूवादी सोच को सख्ती से धरातल पर लाने के लिए काम कर रहा है। हाल-फिलहाल प्रधानमंत्री से धामी की मुलाकात के बाद भाजपा भीतर उस खेमे में बड़ी मायूसी बताई जा रही है जो यह आस लगाए बैठा था कि अब राज्य में नेतृत्व परिवर्तन होना तय है।

You may also like

MERA DDDD DDD DD