आज 8 राज्यों में 18 सीटों पर राज्यसभा चुनाव लिए मतदान हुए। यह मतदान आंध्र प्रदेश (चार सीटें), गुजरात (चार), झारखंड (दो), मध्य प्रदेश (तीन), मणिपुर (एक), मेघालय (एक) और राजस्थान (तीन) की सीटों के लिए हुआ। जिसमें राजस्थान से राज्यसभा की तीन सीटों के लिए हुए मतदान में कांग्रेस उम्मीदवार केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी के साथ बीजेपी के उम्मीदवार राजेंद्र गहलोत को विजयी रहे। वहीं मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने एक सीट जीती जबकि भाजपा ने दो सीटें अपने नाम की। यहां से भाजपा के ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी और कांग्रेस के दिग्विजय सिंह चुनाव जीते हैं।
सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस ने आंध्रप्रदेश में चारों सीटों पर जीत हासिल की। विधानसभा के सूत्रों के मुताबिक, वाईएसआर कांग्रेस से उपमुख्यमंत्री पिल्ली सुभाष चंद्र बोस, मंत्री मोपिदेवी वेंकटरमन, उद्योगपति परिमल नाथवानी और रियल इस्टेट कारोबारी अयोध्या रामी रेड्डी विजयी रहे। सभी को 38-38 वोट मिले। वहीं विपक्षी तेलगू देशम पार्टी के उम्मीदवार वर्ला रामैया को विधानसभा में 23 की संख्या रहने के बावजूद 17 वोट मिले।
भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने के लिए एड़ी चोटी एक कर दी। अपने प्रत्याशी की जीत पक्की करने के लिए वोटिंग से पहले विधायकों के इस्तीफों, हॉर्स ट्रेडिंग और रिजॉर्ट पॉलिटिक्स देखने को मिली थी। पहले यह वोटिंग 26 मार्च को होने वाली थी लेकिन कोविड-19 का संक्रमण बढ़ने के कारण मतदान स्थगित कर दिया गया था।
दूसरी ओर झारखंड में महागठबंधन को झटका लगा है। राज्य में दो सीट पर चुनाव हुआ था, लेकिन 3 उम्मीदवार मैदान में थे। झारखंड राज्य की दो राज्यसभा सीटों के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन के अलावा मुख्य विपक्षी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश एवं कांग्रेस के शहजादा अनवर उम्मीदवार थे।
भाजपा ने कांग्रेस प्रत्याशी को हरा दिया है। जेएमएम और बीजेपी को यहां आसानी से एक-एक सीट पर जीत हासिल हुई । जेएमएम उम्मीदवार शिबू सोरेन के पक्ष में 30 वोट पड़े, जबकि बीजेपी उम्मीदवार दीपक प्रकाश को 31 वोट मिले। कांग्रेस उम्मीदवार को 18 वोटों के साथ हार झेलनी पड़ी।
वहीं गुजरात में चार सीट पर पांच उम्मीदवार मैदान में हैं। राज्यसभा के लिए कांग्रेस ने दो और भाजपा ने तीन उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। लेकिन गुजरात में चार सीटों के लिए मतों की गिनती में शुक्रवार को देरी हुई। क्योंकि कांग्रेस की मांग थी कि निर्वाचन आयोग विभिन्न आधार पर भाजपा के दो मतों को अमान्य करार दे। नेता विपक्ष प्रकाश धनानी ने कहा कि कांग्रेस ने भाजपा विधायक केसरी सिंह सोलंकी और मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडासमा द्वारा डाले गए मतों को रद्द करने की मांग की है।
धनानी ने कहा, “जब तक मतगणना को लेकर हमारी शिकायतों को नहीं देखा जाता, मतगणना शुरू नहीं होगी। मतदान के बाद हमने अपनी आपत्ति यहां निर्वाचन आयोग के प्रतिनिधि को सौंपी।” एक वरिष्ठ अधिकारी ने हालांकि कहा कि निर्वाचन आयोग के पर्यवेक्षक ने विपक्षी दल की आपत्ति को खारिज कर दिया है और मामले पर अंतिम फैसले के लिए उसे आयोग के दिल्ली कार्यालय को संदर्भित किया है।
राज्य सभा चुनाव प्रक्रिया में कई राजनीतिक उलट-पलट हुए। खास के तब जब कांग्रेस ने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सभा चुनाव दो महीने पहले ही हो सकते थे लेकिन ये चुनाव स्थगित कर दिए गए क्योंकि भाजपा की हॉर्स ट्रेडिंग पूरी नहीं हो पाई थी। इसी तरह गुजरात कांग्रेस के नेताओं ने चुनाव आयोग को ज्ञापन देकर चुनाव में सत्ताधारी पार्टी द्वारा सहकारी मशीनरी के दुरुपयोग और कांग्रेसी विधायकों को परेशान करने का आरोप लगाया गया। फिर गुजरात में तीन विधायकों ने इस्तीफ़ा दे दिया जिसके बाद कई कांग्रेसी विधायकों को विभिन्न रिजॉर्ट में शिफ्ट किया गया। उसी तरह झारखंड में भाजपा ने अपने सभी विधायकों को रांची के प्रतिष्ठित सरला बिरला स्कूल में रखा।

