देश की राजनीति में विवादित बयानों के लिए मशहूर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला जम्मू -कश्मीर को लेकर एक बार फिर विवादित बयान देकर सुर्खियों में हैं।उनके इस बयान को लेकर अब बबाल मच गया है। भारतीय जनता पार्टी ने जहां उनके इस बयान को राजद्रोह की श्रेणी में रखा है, वहीं अब दूसरे दक्षिणपंथी संगठन भी फारूख अब्दुल्ला के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं।
इस बबाल के बीच दिल्ली स्थित चीन के दूतावास पर आज 13 अक्टूबर को कुछ पोस्टर लगाए गए हैं। पोस्टर पर फारूख अब्दुल्ला का फोटो है। इस फोटो के साथ लिखा है, ”प्लीज़ अडॉप्ट, टेक हिम टू चाइना.” यानी चीन से मांग की गई है कि फारूख अब्दुल्ला को आप अपने यहां बुला लीजिए, उन्हें गोद ले लीजिए।
दरअसल कल 12 अक्टूबर को अब्दुल्ला ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है चीन की मदद से जम्मू-कश्मीर में धारा 370 की बहाली हो जाएगी। पिछले साल केंद्र सरकार ने संसद से कानून बनाकर 5 अगस्त 2019 को ये धारा खत्म की थी, जिससे जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म हो गया था। तब से जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक दल सरकार के इस फैसले का विरोध करते आ रहे हैं। अब फारूख का ताजा बयान कि चीन की मदद को लेकर आया तो देश की राजनीति गरमा गई है।
हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की तरफ से इस मसले पर बयान भी जारी किया गया है। विष्णु गुप्ता ने कहा, ”ये पहली बार नहीं है जब सांसद फारूख अब्दुल्ला ने इस तरह का भारत विरोधी बयान दिया है। आज हिंदू सेना के कुछ गुस्साए वॉलंटियर्स ने दिल्ली में शांति मार्ग स्थित चीन दूतावास के साइनबोर्ड पर पोस्टर लगाया और फारूख अब्दुल्ला के खिलाफ प्रदर्शन किया।
हिंदू सेना की तरफ से कहा गया है कि अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवार को अब समझ लेना चाहिए कि कश्मीर उनकी निजी संपत्ति नहीं है और इस बात को स्वीकार कर लेना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। हिंदू सेना ये भी कहा कि ये लोग भारतीय लोगों के टैक्स के पैसे पर पलते हैं और देश के लोगों और अर्थव्यवस्था के खिलाफ काम करना इनका रूटीन बन गया है।
इसके साथ ही हिंदू सेना ने केंद्र सरकार से मांग की है कि फारूख अब्दुल्ला की सभी सरकारी सुविधाएं वापस ली जानी चाहिए, उनका बंगला भी ले लेना चाहिए और उन्हें चीन डिपोर्ट कर देना चाहिए।

