भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह का आज निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे। 4 साल से वह कोमा में पड़े थे । वर्ष 2014 में उन्हें जब भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो वह बाड़मेर से निर्दलीय ही चुनाव लड़े और चुनाव हार बैठे थे। इससे वह अवसाद का शिकार हो गए थे। जिसके चलते अपने घर के बाथरूम में वह फिसल गए और सिर में गहरी चोट लगने के बाद कोमा में चले गए थे।
तत्कालीन केंद्रीय मंत्री रहते जसवंत सिंह उस समय अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में आए जब 1999 में कंधार विमान अपहरण हुआ था। इसी के साथ ही वह जिन्ना पर लिखी गई एक किताब पर इतना बड़ा सच कह गए थे कि भाजपा को यह सच हजम नहीं हुआ था। जिसके चलते भाजपा ने उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया था । आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जसवंत सिंह की मौत पर लगातार एक के बाद एक तीन ट्वीट किए है और उनकी मौत को देश के लिए गहरा सदमा बताया है।

वर्ष 1998 और 1999 में जसवंत सिंह को भारत का विदेशी मंत्री नियुक्त किया गया था। 2002 में पुनः उनकी नियुक्ति भारत के वित्त मंत्री के पद पर की गई। 1999 में कंधार विमान अपहरण कांड के वक्त वे विदेश मंत्री थे। तीन आंतकियों को कंधार छोड़ने भी वही गए थे। तब यह मामला अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में रहा था।
जसवंत सिंह एक किताब को लिखकर विवादों में भी रहें। उनकी जिन्ना पर लिखी अपनी किताब ‘जिन्ना: इंडिया-पार्टीशन, इंडिपेंडेंस’ को लेकर बीजेपी से वह निष्कासित किए गये थे। हालांकि वर्ष 2010 में उनकी वापसी हुई। लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें बाडमेर से टिकट नही दिया था। जिसके चलते उन्होंने निर्दलीय चुनाव लडा। लेकिन हार गए।

प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने एक ट्वीट किया और कहा कि जसवंत सिंह ने हमारे राष्ट्र की पूरे लगन से सेवा की, पहले उन्होंने सैनिक के रूप में और बाद में राजनीति से लंबा जुड़कर. अटली जी की सरकार में बेहद महत्वपूर्ण विभागों को संभाला और वित्त, रक्षा एवं विदेश मामलों की दुनिया में एक मज़बूत छाप छोड़ी। उनके निधन से दुखी हूं।”
मोदी ने इसके बाद एक ओर ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने कहा कि जसवंत सिंह जी को उनके राजनीति और समाज के मामलों पर अनूठे दृष्टिकोण के लिए याद किया जाएगा। उन्होंने बीजेपी को मज़बूत बनाने में भी योगदान दिया। उनके परिवार और समर्थकों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। ओम शांति।”

प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने तीसरा ट्वीट किया। जिसमें वह बताते हैं कि उन्होंने जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह से बात की है और जसवंत सिंह के दुर्भाग्यपूर्ण निधन पर शोक व्यक्त किया है, वो अपने स्वभाव के अनुरूप बीते छह वर्षों से अपनी बीमारी से मज़बूत से लड़ रहे थे।

