केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की गिनती उन भाजपा नेताओं में होती है जिनके सम्बंध प्रधानमंत्री मोदी से कभी सहज नहीं रहे हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अतिविश्वस्त गडकरी की बतौर केंद्रीय मंत्री कार्य क्षमता का लोहा विपक्षी दल भी स्वीकारते हैं। वे उन पुराने भाजपा नेताओं में शुमार हैं जिन्हें पार्टी का वर्तमान नेतृत्व संदेह की दृष्टि से देखता है। दिल्ली के सत्ता गलियारों में हमेशा चर्चा रहती है कि बीते दस वर्षों के दौरान अकेले गडकरी ही ऐसे मंत्री रहे हैं जो केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठकों में मोदी की नीतियों का खुला विरोध करते रहे हैं। भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के बावजूद 2022 में उन्हें भाजपा संसदीय बोर्ड से हटाने के पीछे एक बड़ा कारण उनका मोदी-शाह विरोधी होना बताया गया था। अब लेकिन इन्हीं गडकरी को महाराष्ट्र भेजे जाने की चर्चा जोरों पर है। कहा-सुना जा रहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में केवल और केवल गडकरी ही भाजपा का बेड़ा पार करवाने की क्षमता रखते हैं इसलिए उन्हें सीएम फेस बना चुनाव लड़ा जाना चाहिए। गौरतलब है कि जोड़-जुगत कर बनी राज्य सरकार हर मोर्चे पर विफल होती नजर आ रही है और कांग्रेस नेतृत्व वाला गठबंधन लगातार महाराष्ट्र में अपनी जमीन मजबूत कर रहा है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि मोदी-शाह नितिन गडकरी के नाम पर सहमत होते हैं या नहीं।

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