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गांधी परिवार का रायबरेली-अमेठी पर सस्पेंस बरकरार

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची भी जारी कर दी है। लेकिन अभी तक पार्टी का गढ़ कही जाने वाली उत्तर प्रदेश के रायबरेली और अमेठी पर संस्पेंस बना हुआ है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या रायबरेली और अमेठी की जनता से राहुल, प्रियंका का मोहभंग हो गया है? अमेठी के लोगों को निराशा तब हाथ लगी जब पहली सूची में राहुल गांधी का नाम वायनाड से घोषित हुआ। यह नाम आते ही अमेठी के लोगों में निराशा छा गई। पहली और दूसरी सूची में रायबरेली लोकसभा क्षेत्र का भी नाम नहीं था, जिसके कारण रायबरेली की भी जनता मायूस हुई। सूत्रों के अंदर खाने से बड़ी खबर यह भी है कि रायबरेली की जिला कांग्रेस कमेटी सहित पूर्व विधायक और रायबरेली के कार्यकर्ता सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी से मिलने दिल्ली गए थे, लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो पाई। यह अटकलें हैं कि राहुल, प्रियंका और सोनिया का अमेठी रायबरेली की जनता से विश्वास उठ गया है। गौरतलब है कि सोनिया गांधी पहले ही रायबरेली छोड़कर राजस्थान से राज्यसभा चुनी गई हैं। राहुल गांधी 2019 में अमेठी हार चुके हैं। इस बार भी उन्होंने अपना नाम वायनाड से ही घोषित कराया है, जिससे कहा जा सकता है कि दशकों पुराना घर का रिश्ता अब दूरी में बदल गया है। जिस तरह की खबरें आ रही हैं, उससे नहीं लगता कि प्रियंका भी चुनाव लड़ेंगी। बड़ी बात यह है कि राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी के चुनाव न लड़ने पर अमेठी और रायबरेली का प्रत्याशी कौन होगा? इन सीटों पर क्या कांग्रेस पार्टी किसी बड़े चेहरे को बाहर से लाती है या अपनों पर विश्वास करती है? जिस पर सस्पेंस बरकरार है।

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