कोतवाली हल्द्वानी के कोतवाल विक्रम राठौर को भुप्पी पांडे हत्याकांड में लापरवाही बरतने के आरोप में लाइन हाजिर कर दिया गया है, मृतक भुप्पी पांडे के परिजनों और स्थानीय लोगों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाते हुए आज हल्द्वानी कोतवाली में मृतक के शव को रखकर प्रदर्शन और कोतवाली का घेराव भी किया, परिजनों की मांग थी कि दूसरे आरोपी को भी जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और लापरवाह कोतवाल के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए, एसएसपी समेत तमाम पुलिस अधिकारियों ने परिजनों को लाख समझाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने जिसके बाद एसएसपी ने कोतवाल को लाइन हाजिर कर दिया, और दूसरे आरोपी की गिरफ्तारी जल्द से जल्द करने का आश्वासन भी दिया, इसके बाद ही मृतक भुप्पी पांडे के शव को परिजन अंतिम संस्कार के लिए उठा कर ले गए, गौरतलब है कि रविवार को दो व्यापारी भाइयों ने प्रॉपर्टी डीलर भुप्पी पांडे की हल्द्वानी के सबसे व्यस्ततम सिंधी चौराहे पर दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी थी, परिजनों का शुरू से ही आरोप था कि भुप्पी पांडे इससे पहले कई बार पुलिस से अपनी जान को खतरा बता चुके थे लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुनी, और उसका खामियाजा भुप्पी पांडे को अपनी जान देकर भुगतना पड़ा, हालांकि घटनास्थल से ही पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार तो कर लिया लेकिन दूसरा आरोपी अभी पुलिस की पकड़ से बाहर है, एसएसपी के मुताबिक पूरे मामले में पुलिस के भूमिका की भी जांच की जा रही है, यदि कोई अन्य पुलिसकर्मी भी मामले में संलिप्त पाए जाएगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। इस घटना से आक्रोशित लोगों ने कोतवाली का घेराव कर पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए और कहा कि जब पुलिस छोटे छोटे अपराधों पर ही लगाम नहीं लगा पाते और अपराधियों को खुला संरक्षण देती है तो ऐसी घटनाएं शहर में होना लाजमी है, लिहाजा ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं और पुलिस को पैनी निगाह रखनी होगी और कड़े से कड़े कदम आरोपियों के खिलाफ उठाने होंगे नहीं तो यह हल्द्वानी जैसे शांत शहर के लिए बहुत शर्मनाक घटना है। एसएसपी ने भले ही अभी कोतवाल को लाइन हाज़िर कर आक्रोशित जनता के गुस्से को शांत कर दिया हो लेकिन हकीकत यही है की हत्यारोपी दोनों भाइयों के ख़िलाफ़ कुछ दिन पहले ही गिरफ्तारी का वारंट जारी हुआ था लेकिन इनकी गिरफ्तारी नही हुई, ना ही दोनो आरोपियों का शस्त्र लाइसेंस निरस्त हुआ जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लाज़मी हैं।
भुप्पी गोलीकाण्ड, कोतवाल लाइन हाज़िर…

