अभी दो दिन पहले की ही बात है जब उत्तर प्रदेश में नई आबकारी नीति की घोषणा की गई। इसके तहत अब सरकार ट्रेन और क्रूज में भी शराब बेचने की स्वीकृति देगी। मतलब यह कि यात्रा के दौरान भी यात्री जाम से जाम टकराएंगे। इससे राजस्व में बढ़ोतरी की भी बात कही गई है। ट्रैन और क्रूज में शराब परोसने की नई संस्कृति ईजाद करने के बाद अब योगी सरकार घर – घर शराब बेचने वालो को लाइसेंस देने जा रही है।
यह सरकार लोगों को नशे में रखना चाहती हैं । चाहे वह धर्म का नशा हो या शराब का। अगर लोग नशे में रहेंगे तो वह असली मुद्दों से भटके रहेंगे और इनकी राजनीति चलती रहेगी।
– राजकुमार भाटी , प्रवक्ता समाजवादी पार्टी
जिसके मद्देनजर योगी सरकार ने घर में शराब रखने के लिए नए नियम-कायदे बनाए हैं। इसके तहत तय लिमिट से ज्यादा शराब रखने के लिए लाइसेंस लेना होगा। इसके तहत पर्सनल बार के लिए फीस देनी होगी। लाइसेंस के लिए 12 हजार रुपए सालाना फीस चुकानी होगी। शुरुआत में 51 हजार रुपए की गारंटी भी देनी पड़ेगी। इन नियमों का सीधा मतलब है कि अब लोग लाइसेंस लेकर घर में भी निजी बार बना पाएंगे। हालाँकि साथ ही सरकार ने यह भी तय किया है कि अगर बिना लाइसेंस शराब बेचीं गई तो 3 साल तक की जेल हो सकती है।
इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के सांसद और उत्तर प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा कि आदित्यनाथ के राज लाई-सेंस होना चाहिये।क्या आदित्यनाथ जी के विधायक/मंत्री और अधिकारी शपथ पत्र देंगे की वो शराब पीते हैं या नही? अगर पीते हैं तो कितने लोग लाइसेंस लेंगे? अगर नही लेंगे तो उनके घर की तलाशी कौन लेगा?
आदित्यनाथ के राज लाई-सेंस होना चाहिये।
क्या आदित्यनाथ जी के विधायक/मंत्री और अधिकारी शपथ पत्र देंगे की वो शराब पीते हैं या नही? अगर पीते हैं तो कितने लोग लाइसेंस लेंगे? अगर नही लेंगे तो उनके घर की तलाशी कौन लेगा? pic.twitter.com/kYzzhhdQ69— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) January 24, 2021
उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव संजय एस भूसरेड्डी ने कहा कि नई आबकारी नीति के तहत बिना लाइसेंस के घर में तय लिमिट से ज्यादा शराब रखने पर कार्रवाई होगी। याद रहे कि उत्तर प्रदेश में 7.84 लीटर शराब ही घर में रखने की इजाजत है। फिलहाल , योगी सरकार की इस आबकारी नीति में यह बदलाव विपक्ष को फूटी आँख नहीं सुहा रहा है। विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार की घेराबंदी करने की रणनीति बना रहा है।

