कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के जरिए 12 राज्यों के भ्रमण पर है। इस यात्रा का मकसद न सिर्फ 2024 की चुनौती को पार करना है बल्कि अपनी छवि और कुनबे को मजबूत करना भी है,लेकिन इसी बीच कांग्रेस पार्टी ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि इंटेलिजेंस ब्यूरो यानी आईबी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल लोगों से पूछताछ कर रही है।इतना ही नहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने तो ट्वीट कर के यह कहा कि आईबी से जुड़े लोग इन लोगों से हर तरह के सवाल पूछ रहे हैं। इस यात्रा में कुछ भी गोपनीय नहीं है।लेकिन इससे यह साफ होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह इस यात्रा से घबराए हुए हैं।
दरअसल भारत जोड़ो यात्रा तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा का सफर तय करते हुए 24 दिसंबर को दिल्ली पहुंची थी। इस दौरान भारत जोड़ो यात्रा कुल 3000 किलोमीटर का सफर तय किया है। इसी बीच कांग्रेस नेताओं कहना है कि देश के कई बुद्धिजीवियों, बड़ी हस्तियों और कारोबारियों ने भारत जोड़ो यात्रा का समर्थन किया लेकिन वह इसमें शामिल होने की हिम्मत नहीं दिखा सक रहे है,क्योंकि इसके पीछे कारण सरकारी एजेंसियों के द्वारा उत्पीड़न होने का डर है। इतना ही नहीं कांग्रेस नेताओं का यह भी कहना है कि इनमें से कुछ हस्तियों ने राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा के समर्थन में पत्र भी लिखा है,कई तो शामिल भी हुए है। अभी तक भारत जोड़ो यात्रा में आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन, एक्टिविस्ट मेधा पाटकर,धर्मगुरु कंप्यूटर बाबा, अभिनेत्री स्वरा भास्कर, बॉक्सर विजेंदर सिंह मक्कल निधि मय्यम के अध्यक्ष कमल हासन जैसे कई जाने-पहचाने लोग शामिल हो चुके हैं।
गौरतलब है कि केंद्र की सत्ता में भाजपा के काबिज होने के बाद से लगातार केंद्रीय जांच एजेंसी का दुरुपयोग का आरोप लगाया जा रहा है। कांग्रेस से लेकर टीएमसी और आरजेडी से लेकर आम आदमी पार्टी तक कई विपक्षी दलों के ऐसे सैकड़ों नेता हैं जिन्हें जांच एजेंसियों की कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। ऐसे नेताओं में आरजेडी के प्रमुख लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मायावती, पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा, कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार, सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी सहित कई नेता शामिल हैं। इसके अलावा केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जब दिल्ली के बॉर्डर पर बड़ा आंदोलन हुआ था तो उस दौरान भी केंद्रीय एजेंसियों ने इस आंदोलन का समर्थन करने वालों पर शिकंजा कसा था,जिसमे पंजाबी गायकों से लेकर लेखकों, पत्रकारों, व्यापारियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं तक को राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए ने समन भेजा था,लेकिन किसान नेताओं ने इस तरह की हरकतों की निंदा करते हुए सरकार को चेताया था कि अगर वह किसान आंदोलन का समर्थन करने वालों को निशाना बनाएगी तो यह ठीक नहीं होगा।

