भारत में नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने भारत को आड़े हाथों लिया है।
20 दिसंबर ,शुक्रवार को कुआलालंपुर समिट में शामिल होने आए महातिर मोहम्मद द्वारा नागरिकता संशोधन क़ानून की ज़रूरत पर सवाल उठाते हुए कहा गया कि जब भारत में सब लोग 70 साल से साथ रहते आए हैं, तो इस क़ानून की आवश्यकता ही क्या थी ?
उन्होंने कहा, “लोग इस क़ानून के कारण अपनी जान गँवा रहे हैं। 70 साल से सब साथ रहते आए हैं और उन्हें साथ रहने में कोई समस्या भी नहीं रही है।”
MEA: According to media reports, Malaysia's PM has yet again remarked on matter that is entirely internal to India. Citizenship Amendment Act provides for citizenship through naturalization to be fast-tracked for non-citizens who are persecuted minorities from three countries. pic.twitter.com/bY29GJ0wX5
— ANI (@ANI) December 20, 2019
वहीं दूसरी तरह भारत ने महातिर मोहम्मद के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि एक बार फिर मलेशिया के पीएम ने भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी की है।
“मैं ये देखकर दुखी हूँ कि जो भारत अपने को सेक्युलर देश होने का दावा करता है, वो कुछ मुसलमानों की नागरिकता छीनने के लिए क़दम उठा रहा है। अगर हम यहाँ ऐसे करें, तो मुझे पता नहीं है कि क्या होगा। हर तरफ़ अफ़रा-तफ़री और अस्थिरता होगी और हर कोई प्रभावित होगा।”-महातिर मोहम्मद
इससे पहले भी महातिर मोहम्मद कश्मीर से धारा 370 ख़त्म किए जाने पर भी भारत पर कड़ी टिप्पणी कर चुके हैं। पाँच अगस्त को जब भारत ने जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को ख़त्म करने की घोषणा की तो महातिर उन राष्ट्र प्रमुखों में शामिल थे जिन्हें इमरान ख़ान ने फ़ोन कर समर्थन मांगा और समर्थन मिला भी।
जब कश्मीर का मामला संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में गया तब भी मलेशिया पाकिस्तान के साथ खड़ा था। यहां तक पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में भी मलेशियाई प्रधानमंत्री ने कश्मीर का मुद्दा उठाया और भारत को घेरा। भारत के लिए यह किसी झटके से कम नहीं था।
भारत ने कश्मीर पर मलेशिया के रुख़ से काफ़ी नाराज़गी जताई थी और कहा जा रहा था कि दोनों देशों के ट्रेड रिलेशन भी प्रभावित हो सकते हैं।
भारत में खाने में इस्तेमाल किए जाने वाले तेलों में पाम तेल का हिस्सा दो तिहाई है. भारत हर साल 90 लाख टन पाम तेल आयात करता है और मुख्य रूप से मलेशिया और इंडोनेशिया से होता है।
अब कश्मीर के बाद नागरिकता संशोधन क़ानून पर महातिर मोहम्मद का ये बयान दोनों देशों के व्यापार संबंधों को प्रभावित कर सकता है।

