इसके पीछे की वजह है कतर के बाद बहरीन के राजा और पांच अन्य शाही परिवार के सदस्यों को 100-100 पक्षियों के शिकार की मंजूरी दे देना।
पाकिस्तान में संरक्षित पक्षी होऊबारा बस्टर्ड (सोन चिरैया) को लुप्तप्राय माना गया है। इसके शिकार पर पाबंदी है, इसके बावजूद इमरान सरकार द्वारा शाही परिवार को शिकार की मंजूरी देने से लोगों में नाराजगी है। इमरान सरकार को इन बेजुबान मेहमान परिंदों के शिकार के एवज में करीब दो करोड़ रुपए मिलेंगे।
इसके विलुप्त होने के कारण इस प्रवासी पक्षी को ना केवल विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संधियों के तहत संरक्षित किया जाता है, बल्कि इसके शिकार पर स्थानीय वन्यजीव संरक्षण कानूनों के तहत भी प्रतिबंध है। पाकिस्तानियों को भी इस पक्षी के शिकार की अनुमति नहीं है।
ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान में इस तरह की अनुमति पहली बार दी गई है। इससे पहले पाकिस्तान में पूर्ववर्ती सरकारें भी खाड़ी के अन्य देशों के शाही परिवारों को सोन चिरैया के शिकार की इजाजत देती चुकी हैं।

