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इस्कॉन कसाइयों को बेचता है गाय; मेनका गांधी का आरोप

इस्कॉन

आपने कभी न कभी “हरे रामा हरे रामा, रामा रामा  हरे हरे, हरे कृष्णा हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा  हरे हरे……” के जाप पर झूमते हुए या सड़कों पर भगवतगीता बांटते व बेचते हुए लोगों को कहीं न कहीं जरूर देखा होगा। यह लोग इस्कॉन संस्था से सम्बंधित होते हैं जो  धार्मिक शिक्षा, सेवा, और सामाजिक कार्यों के माध्यम से आत्मा के विकास को प्रोत्साहित करता है।

 

इस्कॉन ने अपनी गोशालाओं का निर्माण भी किया है जिसमें यह उन गायों को रखता है जिन्हे मदद की जरुरत होती है। लेकिन इन्ही गोशालाओं पर आरोप लगाते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री और पशुओं के हित में काम करने वाली मेनका गांधी का एक विडिओ बड़ी तेजी से सोशल मिडिया पर वाइरल हो रहा है जिसमें उन्होंने इस्कॉन को सबसे बड़ा धोखेबाज बताया है।  उनका कहना है कि, भारत में इस समय सबसे बड़ा धोखेबाज इस्कॉन है।

उन्होंने गौशालाएं स्थापित की, जिन्हें चलाने के लिए उन्हें सरकार की तरफ से अनगिनत फायदे मिलते हैं। उन्हें बड़ी जमीनें मिलती हैं लेकिन इसके बावजूद जो गाय दूध नहीं देतीं, ये उन्हें कसाइयों के हवाले कर देते हैं। वह कहती हैं कि हालही में वह आंध्र प्रदेश में इस्कॉन की एक गौशाला के दौरे पर गई थी। वहां एक भी सूखी गाय (जिसने कुछ महीनों से दूध न  दिया हो) नहीं मिली सभी डेयरी हैं। वहां एक भी बछड़ा नहीं है तो इसका मतलब यही है कि सभी को बेच दिया गया था।

 

अपने इसी बयान में वह आगे कह रही हैं कि गायों के साथ जैसा सलूक ये लोग कर रहे हैं, ऐसा कोई नहीं करता है। यही लोग सड़क पर ‘हरे राम हरे कृष्णा’ गाते हुए फिरते हैं और कहते हैं कि हमारा पूरा जीवन दूध पर निर्भर है। मेनका इस्कॉन पर यह आरोप भी लगाती हैं कि संभवत: कसाइयों के हाथ जितनी गाय इन्होंने बेची है, उतनी किसी ने नहीं बेची।

 

 इस्कॉन ने कहा झूठा है आरोप

 

मेनका गांधी द्वारा लगाए गए इस आरोप को बिलकुल झूठा बताते हुए इस्कॉन  राष्ट्रीय प्रवक्ता युधिष्ठिर गोविंद दास ने कहा है कि उनकी संस्था गाय और बैल के संरक्षण के लिए न सिर्फ भारत में काम कर रही है, बल्कि दुनिया भर में लगी है। यह गौशाला में गाय और बैल तब तक रहते हैं जब तक वे जिंदा हैं। एक भी गाय, बैल या बछड़े को कसाइयों को नहीं बेचा जाता है।

 

 

साथ ही मंदिर प्रशासन ने भी एक बयान जारी करते हुए कहा है कि इस्कॉन दुनिया के कई हिस्सों में गायों का संरक्षण कर रहा है। उनका कहना है की ‘हम मेनका गांधी के बयान से हैरान हैं क्योंकि वे हमेशा ही इस्कॉन की शुभचिंतक रही हैं।’ उनका कहे अनुसार भारत में इस्कॉन की 60 से ज्यादा गौशालाएं हैं। यहां पर सैकड़ों की संख्या में गायों और बैलों की रक्षा की जाती है। उनकी पूरी जिंदगी देखभाल भी होती है। इस्कॉन की गौशालाओं में आने वाली गाय वह होती हैं, जो कसाइयों से बचाई गई होती हैं।

 

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