Uttarakhand

पत्रकार गोली कांड : पुलिस ने कोर्ट में दी सफाई, कहा कुर्की होगी 

‘दि संडे पोस्ट’ के पत्रकार का मामला हाईकोर्ट पहुंच जाने के बाद आखिर नैनीताल पुलिस अपनी सफाई देने को विवश हुई है। पीडित पत्रकार की याचिका पर 25 जून को कोर्ट ने नैनीताल की मुखानी पुलिस को एक सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा था। जिसमे 2 जुलाई को पुलिस ने न्यायालय के समक्ष अपनी प्रगति रिपोर्ट पेश कर अपनी सफाई दी है।
नैनीताल पुलिस ने अपनी प्रगति रिपोर्ट में मुख्य आरोपी सतीश नैनवाल के खिलाफ चल रही कार्यवाही की जानकारी देते हुए बताया कि उसके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी हो चुका है। जबकि आरोपी के खिलाफ संपत्ति कुर्की की कार्यवाही की जा रही है। इससे पूर्व मामले में गिरफ्तार किए गए दो आरोपियो के खिलाफ जांच अधिकारी ने कोर्ट में आरोप पत्र भी दायर कर दिया है । 2 जुलाई को न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने इस मामले की सुनवाई की।

गौरतलब है कि गत माह पीड़ित पत्रकार मनोज बोरा ने अपनी जान को खतरा बताते हुए नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिसमें पुलिस द्वारा मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने में लापरवाही बरतने की बात कही गई थी। इसके बाद हाईकोर्ट नैनीताल ने इसे गंभीरता से लिया और 25 जून को नैनीताल की मुखानी पुलिस को निर्देश दिए कि वह एक सप्ताह के अंदर मामले की प्रगति रिपोट पेश करे। उच्च न्यायालय नैनीताल के न्यायमूर्ति मनोज तिवारी की एकल पीठ ने इस मामले पर पुलिस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह कोर्ट के समक्ष बताए कि उन्होंने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए अब तक क्या किया है।  

 
मुख्य आरोपी सतीश नैनवाल भाजपा नेता प्रमोद नैनवाल का भाई है। नैनवाल सत्ता के रसूख पर अपने भाई के बचाव में साम, दाम, दंड, भेद की नीति अपना रहे हैं। चर्चा यह भी है कि मामले को लटकाने के लिए सीबीसीआईडी के हवाले किए जाने की तैयारी है। सीबीसीआईडी की हीलावाली सभी जानते हैं। कहा यह भी जाता है कि जिस मामले को लंबा खींचना होता है उसे सीबीसीआईडी के हवाले कर दिया जाता है। फिलहाल मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी में देरी पर पुलिस को कोर्ट के निर्देशों के चलते यह नया पैतरा कहा जा रहा है। 
 
याद रहे कि ‘दि संडे पोस्ट’ के पत्रकार मनोज बोरा को 25 मार्च 2019 को हल्द्वानी में गोली मारी गई थी। इसके तीन दिन बाद ही पुलिस ने सितारगंज के दो बदमाशों को गिरफ्तार भी कर लिया था। दोनों ने ही न्यायालय के समक्ष बयान भी दे दिया था। जिसमें हमलावारों ने बताया कि सतीश नैनवाल ने उनसे दिव्य रावत को गोली मारने के लिए भेजा था। लेकिन उस दिन दिव्य रावत की किस्मत अच्छी थी कि वह बच गया। हमलावरों ने दिव्य रावत की जिस स्कार्पियो गाड़ी को टारगेट करते हुए निशाना बनाया उसमें दिव्य की जगह मनोज बोरा मौजूद था। हमलवारों ने मनोज बोरा को गाड़ी से उतरते ही पहले बातों में उलझाया और उसके बाद उसे गोली मार दी। गंभीर रूप से घायल मनोज बोरों को तत्काल अस्पताल ले जाया गया। कई दिनों के उपचार के बाद वह बच तो गया। लेकिन उस दिन के बाद से ही मनोज की जान को खतरा बना हुआ है।

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