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जस्टिस पटनायक के हवाले सीबीआई विवाद

सीबीआई के भीतर चल रहे संग्राम ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दखल दिया है। सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 26 अक्टूबर को सीबीआई को दो सप्ताह के भीतर रिटायर्ड जस्टिस एक के पटनायक के नेतृत्व में जांच करने का आदेश दिया है। कहने का आशय यह कि सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा पर लगे आरोपों की जांच होगी और उस जांच दल के मुखिया होंगे जस्टिस पटनायक।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को भाजपा और कांग्रेस दोपों ही अपने-अपने पक्ष में मान रही है। ऊंट किस करवट बैठता है यह तो दो सप्ताह बाद ही पता चल पाएगा जब जस्टिस पटनायक सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपनी जांच रिपोर्ट पेश करेंगे। अब लोगों में जस्टिस पटनायक के बारे में जानने की उत्सुकता बढ़ गई है। देशभर की नजर उन पर ही टिकी हुई है।

पटनायक का जन्म 1949 को हुआ और वह दिल्ली विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र में स्नातक और कटक से कानून की पढ़ाई की है। वह 1994 में ओडिसा हाईकोर्ट के अतिरिक्त सेशन जज बने। मार्च 2005 में वे छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनाए गए। नवंबर 2009 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया। इनकी छवि एक ईमानदार जज की है। लोगों को भरोसा है कि वह किसी भी किस्त के दबाव से मुक्त होकर अपना काम करेंगे। इनकी रिपोर्ट पर मोदी सरकार का भविष्य भी काफी हद तक दांव पर लगा हुआ है।

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