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के.कविता को सर्वोच्च न्यायालय से नहीं मिली राहत

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा – नियम सभी के लिए एक ,जमानत के लिए निचली अदालत का करें रुख

 

सर्वोच्च न्यायालय ने तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री और बीआरएस की नेता के.कविता को जमानत देने से इंकार करते हुए कहा कि वे जमानत के लिए निचली अदालत में जाए। वे एक राजनीतिक व्यक्ति है केवल इसीलिए वे सीधे शीर्ष न्यायालय से जमानत के लिए अनुमति नहीं पा सकती। दरअसल के.कविता को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शराब घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया है। सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार न्यायालय की नीति सभी के लिए एक समान है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना , एमएम सुंदरेश , बेला एम त्रिवेदी ,की पीठ ने कविता से निचली अदालत में जाने को कहा है । सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार वह प्रोटोकॉल को नजर अंदाज नहीं कर सकती। कोर्ट ने बल देते हुए कहा कि किसी भी जमानत के लिए सबसे पहले ट्रायल कोर्ट का रुख करना चाहिए।

कपिल सिब्बल ने तत्काल अदालत में हस्तक्षेप की मांग करते हुए दलील रखी ,उन्होंने कहा कि कई नेताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है। जिसपर न्यायालय ने साफ़ कहा कि वे कोर्ट को राजनीतिक मंच न बनाये ,आप हमसे जो करने के लिए कह रहें हैं वो संभव नहीं है,नियम सभी के लिए समान होंगे। कोर्ट ने के.कविता की जमानत की याचिका को खरिज कर दिया। इसके अतिरिक्त कोर्ट ने ईडी से कविता की उस याचिका पर 6 सप्ताह में जवाब मांगा जिसमें उन्होंने पीएमएलए के प्रावधानों को चुनौती दी है। पीठ ने कहा कि प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका लंबित मामलों के साथ ली जाएगी। अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकारी गवाह के बयान के आधार पर लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है। इस दौरान पीठ ने कहा कि वे इस समय गुण दोषों पर विचार ही नहीं कर रहे हैं ।

 

के कविता पर क्या हैं आरोप

 

पूर्व मुख्यमंत्री केसीआर के बेटी के.कविता पर आरोप है कि वो उस साउथ लॉबी का हिस्सा थीं जिसने केजरीवाल सरकार की इस आबकारी नीति में अहम भूमिका अदा की थी। आरोप है कि घोटाले के एक आरोपी विजय नायर को कथित रूप से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत इसी साउथ ग्रुप से मिली थी।

 

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