साल 2015 में शुरु की गई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रसोई गैस से सब्सिडी छोड़ो अभियान चलाया और इस अभियान के तहत लाखों लोगों ने खुद ही सब्सिडी छोड़ दी थी, जिससे केंद्र सरकार को कई हजार करोड़ रुपए का फायदा हुआ था। लेकिन अब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मोदी की राह पर चल पड़े हैं। दरअसल , दिल्ली में 200 यूनिट तक फ्री बिजली को लेकर केजरीवाल ने बड़ा बयान दिया है। जिस पर अब दिल्ली की सियासत की बिजली चमकनी तेज हो गयी है।
कांग्रेस और भाजपा का कहना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि, आगामी 1 अक्टूबर से जो लोग दिल्ली में बिजली में सब्सिडी लेना नहीं चाहते है और चाहते है उनके लिये विकल्प है। वे सामान्य दर पर ही बिजली ले सकते है।
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जनता से किये गये वादों को भूलने लगे है। और जनता को अब धोखा दे रहे है। क्योंकि उन्होंने चुनाव जीतने के लिये जनता से झूठे वादे कर और तमाम आश्वासन देकर चुनाव जीता था। अब जनता को फिर से महंगी बिजली देना चाहते हैं ।वहीं दिल्ली कांग्रेस के नेता अमरीश गौतम का कहना है कि दिल्ली में विकास का काम ठप है। जो दिल्ली में कभी सांप्रदायिक दंगे नहीं हुए है और आप पार्टी के शासन काल में हो रहे है। पूर्वी दिल्ली हो चाहे जहांगीर पुरी दोनों जगहों पर सांप्रदायिक दंगे हुए हैं । जनता को गुमराह करके फ्री में कुछ जनता को सुविधा देकर जनता से वोट हासिल किये है।
कितनी मिलती है सब्सिडी
दिल्ली के उपभोक्ताओं को वर्तमान में प्रतिमाह 200 यूनिट तक बिजली के उपयोग पर “शून्य” बिल देना होता है। इसके बाद प्रतिमाह 201 से 400 यूनिट बिजली की खपत पर 800 रुपये की सब्सिडी मिलती है।
चुन सकेंगे सब्सिडी
दिल्ली सरकार अब लोगों से पूछेगी कि क्या वे बिजली पर सब्सिडी का लाभ उठाना चाहते हैं या नहीं उसी आधार पर उन्हें 1 अक्टूबर से केवल उन उपभोक्ताओं को सब्सिडी प्रदान की जाएगी जो इसे चुनते हैं।

