अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिकी इतिहास में विवादों के राष्ट्रपति के रूप में जाना जाने लगा है। अपनी गलत नीतियों की वजह से ही ट्रंप को अमेरिकी की सत्ता से हाथ धोना पड़ा। ट्रंप अमेरिकी इतिहास के पहले ऐसे राष्ट्रपति है जिनके ऊपर दो बार महाभियोग चला है। अमेरिकी इतिहास में यह परपंरा रही है कि पूर्व राष्ट्रपति को देश की खुफिया जानकारी दी जाती है। लेकिन अब पहली बार ऐसा हो रहा है कि किसी निवर्तमान राष्ट्रपति को क्लासीफाइड इंटेलिजेंस ब्रीफिंग हासिल करने का अधिकार नहीं होगा।
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस बात की पुष्टी की है। बाइडन ने अपने बयान में कहा है कि ट्रंप के लिए इस तरह की खुफिया जानकारी का कोई मतलब नहीं है। बाइडेन से इंटरव्यू के दौरान पूछा गया कि उन्हें क्या किसी बात का डर सता रहा है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं चाहता कि इस बारे में कोई भी अनुमान लगाया जाए, बात बस इतनी है कि मैं नहीं चाहता कि ट्रंप इस तरह की कोई भी खुफिया जानकारी प्राप्त करें।
बिडेन ने कहा, मैं जोर से नहीं अटकलें लगाता हूं। मुझे लगता है कि उसके लिए खुफिया ब्रीफिंग की कोई आवश्यकता नहीं है। क्या मूल्य उसे एक खुफिया ब्रीफिंग दे रहा है? उसका क्या प्रभाव पड़ता है, इस तथ्य के अलावा कि वह फिसल सकता है और कुछ कह सकता है? व्हाइट हाउस ने पहले कहा था कि इस मुद्दे की समीक्षा की जा रही है। ट्रम्प ने चुनाव के महीनों बाद अदालत में नतीजों की लड़ाई लड़ी और व्यापक धोखाधड़ी के बेबुनियाद आरोप लगाए। वह फ्लोरिडा के बजाय उड़ान भरने वाले अन्य पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपतियों के साथ बिडेन के 20 जनवरी के उद्घाटन में शामिल नहीं हुए, जहां उन्होंने अपना अध्यक्षीय कार्यालय स्थापित किया है।

