बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन की दिल्ली में हुई चौथी बैठक में कोई पद नहीं मिलने के बाद बिहार में सियासी उथल-पुथल शुरू होने की आशंका जताई जा रही है। इस बैठक से लौटने के बाद जिस तरह जेडीयू ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक एक साथ बुलाने के ऐलान किया है उससे इन संभावनाओं को जन्म दे डाला है कि नीतीश कुमार जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में ललन सिंह को हटाकर खुद पार्टी की कमान संभाल सकते हैं। सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार ललन सिंह के काम करने के तरीके से संतुष्ट नहीं हैं। इसके अतिरिक्त, ललन सिंह का राजद के साथ घनिष्ठ संबंध उनके पद पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। पार्टी के कई नेताओं के ललन सिंह के साथ मनमुटाव है, जिनमें भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी भी शामिल हैं। ये बात तब सार्वजनिक हुई जब अशोक चौधरी ने शेखपुरा जिले के बरबीघा विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया, जबकि पार्टी प्रमुख ललन सिंह ने अशोक चौधरी को बरबीघा विधानसभा क्षेत्र का दौरा नहीं करने का निर्देश दिया था। ऐसे में पार्टी में बन रही परिस्थितियों को देखते हुए नीतीश कुमार पार्टी प्रमुख का पद फिर संभाल सकते हैं। हालांकि पार्टी में दलित समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले अशोक चौधरी, राज्य के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी और जल संसाधन मंत्री संजय झा जैसे अन्य नेता भी जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए संभावित दावेदार हो सकते हैं। पहले भी नीतीश कुमार मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष दोनों पदों पर रह चुके हैं।
अध्यक्ष पद से ललन की होगी छुट्टी!

