बंगाल चुनाव पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई है। एक तरफ ममता के लिए अपना किला बचाने का सवाल बना हुआ है तो दूसरी तरफ बीजेपी ने खुद ही इस चुनाव को अपने लिए अग्नि-परीक्षा बना लिया है। हर दिन टीएमसी के कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल हो रहे है। पार्टी के कद्दावर नेताओं ने टीएमसी छोड़कर बीजेपी को चुन लिया है। अब टीएमसी के राज्यसभा सांसद दिनेश त्रिवेदी ने सदन की कार्यवाही के दौरान इस्तीफा दे दिया है। कहा जाता है कि दिनेश ममता बनर्जी के काफी करीबी लोगों में शामिल थे।
दिनेश त्रिवेदी ने राज्यसभा में कहा कि मैं पार्टी का आभारी हूं कि मुझे यहां भेजा है। मैं घुटन महसूस कर रहा हूं कि हम राज्य में हिंसा पर कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं। मेरी आत्मा मुझसे कहती है कि अगर आप यहां बैठकर कुछ नहीं कर सकते तो फिर आपको इस्तीफा दे देना चाहिए। मैं पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए काम जारी रखूंगा। ममता बनर्जी पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि मैं आज राज्यसभा से इस्तीफा दे रहा हूं। मेरे राज्य में हिंसा हो रही है। हम यहां कुछ नहीं बोल सकते।
त्रिवेदी के इस्तीफे के बाद टीएमसी सांसद सुखेंदु एस रॉय ने कहा तृणमूल का मतलब जमीनी स्तर है। इससे हमें जल्द ही हमारे एक जमीनी कार्यकर्ता को राज्यसभा भेजने का अवसर मिलेगा। वहीं, टीएमसी के ही एक सांसद सौगत राय ने कहा कि दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफे से हम दुखी हैं। उन्होंने फैसला करने से पहले मुझसे बात नहीं की। हमें नहीं पता कि उन्होंने यह निर्णय क्यों लिया। इससे पहले शुभेंदु अधिकारी और राजीव बनर्जी जैसे कई मंत्रियों ने टीएमसी का साथ छोड़ दिया है। त्रिवेदी ने अप्रैल महीनें में राज्यसभा की सदस्यता ग्रहण की थी। उन्होंने 1980 में कांग्रेस पार्टी ज्वॉइन की थी। इसके बाद उन्होंने 1990 में जनता दल का दामन थाम लिया था। 1998 में जब ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस का गठन की तो त्रिवेदी भी उनके साथ खड़े थे।

