म्यांमार में एक फरवरी को हुए तख्तापलट के बाद वहां की जनता सड़कों पर विरोध- प्रदर्शन करने उतर गई है। सेना ने देश के सभी शहरों तथा कस्बों में कफ्र्यू लगा दिया है। म्यांमार में नौ फरारी को सुबह से ही जनता यांगून और सभी क्षेत्रों में सड़कों पर उतर चुकी है। सेना मांडले की सात टाऊनशिप में मार्शल लाॅ लागू कर दिया है। यहां 5 से ज्यादा लोगों की इकट्ठा होने पर रोक लगा दिया गया। म्यांमार के यांगून में ऐतिहासिक सुले पगोडा के करीब सुबह ही भारी संख्या में लोग इकट्ठा होकर वहां पहुंच चुके हैं। 37 साल की विन मिन ने कहा- हम जानते हैं कि सेना हमारी आवाज दबाना चाहती है, लेकिन हम पीछे हटने वाले नहीं हैं।
9 फरवरी को धरना दे रहे लोगों ने हाथ में बैनर्स थामें हुए थे। वहां की जनता का कहना है कि हमारी नेता आंग सान सू की को तत्काल रिहा किया जाए। देश में तानाशाही सहन नहीं की जाएगी। लोकतंत्र लोगों का हक है और लोगों ने ही सेना को सम्मान दिलाया है। म्यांमार के एक स्कूल टीचर थेइन विन के अनुसार अगर सेना यह सोचती है कि इस जुल्म से लोग डर कर घर में छिप जाएंगे तो यह उनकी भूल है। यहां पर लोकतांत्रिक सरकार की बहाली करनी होगी। याद रहे कि प्रधानमंत्री मोदी तथा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच 8 फरवरी की बातचीत हुई। इस दौरान म्यांमार में तख्तापलट और उसके बाद के हालात पर भी चर्चा हुई। म्यांमार में तख्तापलट के बाद बाइडेन ने सूचना दी थी कि अमेरिका वहां पाबंदी लगा सकता है। अभी इस विषय को लेकर कोई ठोस बातचीत नहीं हुई।

