आगामी आम चुनाव से पहले भाजपा पंजाब में खुद को मजबूत करने के लिए शिरोमणि अकाली दल (बादल) के साथ गठजोड़ कर सकती है। अटकलें हैं कि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल का श्री अकाल तख्त साहिब परिसर में बेअदबी मामलों में ‘पंथ’ से माफी मांगने से पंजाब के राजनीतिक समीकरण बदलने वाले हैं। चर्चा है कि सुखदेव सिंह ढींडसा के नेतृत्व वाला शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि अकाली दल (बादल) में विलय का ऐलान कर सकता है। अगर इन दोनों दलों का विलय हुआ तो फिर शिरोमणि अकाली दल और भाजपा का गठबंधन होने की पूरी संभावना बन जाएगी क्योंकि सुखदेव सिंह ढींडसा का इस समय भाजपा के साथ गठबंधन है। विलय होने के बाद वही शिरोमणी अकाली दल और भाजपा के गठबंधन के सूत्रधार बनेंगे। इन अटकलों को बल तब मिला जब पिछले दिनों दिल्ली के वरिष्ठ अकाली नेता मनजीत सिंह जीके ने अपनी ‘जागो पार्टी’ का अकाली दल (बादल) में विलय करने की घोषणा की। इसके अगले ही दिन सुखदेव सिंह ढींडसा ने अकाली दल बादल के बारे में पार्टी वर्करों की राय जानने के लिए 5 सदस्यीय कमेटी गठित कर दी थी। इस कमेटी की एक बैठक हो चुकी है। अब पूरे पंजाब में वर्करों से अकाली दल (बादल) के साथ जाने संबंधी उनकी सलाह मांगी जा रही है।

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