एक तरफ वैज्ञानिक भारत में Corona की तीसरी लहर की भविष्यवाणी कर रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ Corona की दूसरी लहर से जैसे-जैसे कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है उसे देखकर पूरे देश के लोग अब डरे हुए हैं। हर कोई दहशत में है कि कहीं वो भी तो Corona पॉजिटिव नहीं है। इस बीच Corona वैक्सीन और मास्क ही Corona से बचाव का एक मात्र उपाय है। एक्सपर्ट्स डॉक्टर्स सभी अपील कर रहे हैं कि Corona वैक्सीन लगवाएं और मास्क जरूर पहने। ऐसे में अब
पुणे स्थित स्टार्टअप थिंक्र टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने एक ऐसा मास्क विकसित किया है जिस मास्क के संपर्क में आते ही Corona वायरस निष्क्रिय हो जाएगा। ये राहत भरी खबर उन रिपोर्टों की पृष्ठभूमि में आई है जिनमें Corona की दूसरी लहर एक तिहाई कम होने की उम्मीद जताई गई है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा सोमवार, 14 जून को मास्क जारी किया गया।

हम सभी जानते हैं कि इस समय कोरोना से बचाव के लिए मास्क पहनना बहुत जरूरी है। एक्सपर्ट्स द्वारा भी कोरोना से बचाव के लिए मल्टी लेयर्ड मास्क का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। लेकिन ये नया मास्क कोरोना पर अधिक प्रभावशाली है। मास्क एक एंटीवायरल एजेंट से लेपित है। परीक्षणों से पता चला है कि इस मास्क पर लगा लेप सार्स कोव 2 को निष्क्रिय कर देता है। यह लेप मानव उपयोग के लिए सुरक्षित है क्योंकि इसमें प्रयुक्त सामग्री का उपयोग साबुन में किया जाता है।
Corona के ‘डेल्टा वैरिएंट’ ने बढ़ाई ब्रिटेन की परेशानी
यह कोटिंग साबुन और सौंदर्य प्रसाधनों में उपयोग किए जाने वाले सोडियम ओलेफिन सल्फोनेट पर आधारित रसायनों से सम्बंधित है। इस लेप के संपर्क में आने पर कोरोना वायरस का बाहरी आवरण नष्ट हो जाता है। इसे सामान्य तापमान पर आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है। स्टार्टअप के सह-संस्थापक शीतल कुमार जामबाद ने कहा कि कोरोना काल में मास्क का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण था लेकिन आम जनता किसी भी तरह के नार्मल मास्क का अधिक उपयोग कर रही थी।
ये मास्क गुणवत्ता के हिसाब से बेहतर नहीं है इसलिए अच्छी गुणवत्ता वाले मास्क की आवश्यकता थी। यहीं से इस मास्क का आइडिया आया और हमने इसे विकसित किया। पूरे विश्व में फैल रही कोरोना महामारी दिन-दिन अपना नया रूप दिखाती जा रही है। लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर एक और बड़ा दावा किया जा रहा है। विश्व की एक प्रमुख स्वास्थ्य पत्रिका लैंसेट में जारी एक अध्ययन रिपोर्ट में यह कहा गया है कि कोरोना वायरस हवा के साथ तेजी से फैलता है। इसलिए मास्क और सामाजिक दूरी भी कुछ नहीं कर सकती है।
Coronavirus: भारत के लिए दुनिया भर से उठे मदद के हाथ
सॉर्स कोव-2 वायरस को लेकर अब तक प्रकाशित अध्ययनों की समीक्षा रिपोर्ट ब्रिटेन, अमेरिका व कनाडा के वैज्ञानिकों की ओर से भी तैयार की गई है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की त्रिश ग्रीनहाल इस समीक्षा रिपोर्ट की मुख्य लेखिका हैं। उनका यह दावा है कि समय आ गया है जब विश्व स्वास्थ्य संगठन को इस वायरस के संक्रमण की परिभाषा को बदलने की आवश्यकता है। क्योंकि अब मास्क, सुरक्षित शारीरिक दूरी जैसे बचावो का असर अब कम होता जा रहा है।
Corona खुली जगहों के मुकाबले बंद जगहों पर ज्यादा फैला
कोरोना के अध्ययनों की नई समीक्षा में कागिट कॉयर इवेंट की गई। इसमें एक संक्रमित व्यक्ति को सम्मिलित किया गया। वह व्यक्ति एक सुपर स्प्रेडर साबित हुआ और उसने अपने साथ 53 लोगों को संक्रमित कर दिया। देखने वाली बात तो यह है कि इनमें से कई लोग तो आपस में संपर्क में भी नहीं आए थे। तो ऐसे में यह माना जा रहा है कि यह लोग हवा में फैले कोरोना वायरस से संक्रमित हुए।
इस समीक्षा रिपोर्ट के मुताबिक खुली जगहों के मुकाबले बंद जगहों पर कोरोना संक्रमण काफी अधिक तेजी से फैलता है। इससे बचाव के लिए इन स्थानों को हवादार बनाकर संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है।

