पहले ही भारत 59 चीनी ऐप पर बैन लगाकर चीन को जोरदार झटका दे चुका है और अब अमेरिका ने भी चीन को एक तगड़ा झटका दिया है। चीन के होंगकोंग शहर को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लाए जाने की घोषणा के बाद अमरिका ने अब अमेरिकी मूल अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों और तकनीकों के निर्यात पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। मंगलवार को ही अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने इन प्रतिबंधों का ऐलान किया था।
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने अपने ट्वीट में कहा, “आज अमेरिका हॉन्ग कॉन्ग को रक्षा उपकरण और दोहरे इस्तेमाल में आने वाली संवेदनशील तकनीकों के निर्यात पर बैन लगाने जा रहा है। यदि पेइचिंग हॉन्ग कॉन्ग को एक देश, एक प्रणाली समझता है तो हमें भी निश्चित रूप से समझना होगा।” इससे पहले भी प्रेस ब्रीफिंग के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री चीन पर जमकर हमला बोला चुके है।
इसी के साथ माइक पोम्पियो ने कहा, “चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के हांगकांग की स्वतंत्रता को खत्म करने के फैसले ने ट्रंप प्रशासन को हांगकांग को लेकर अपनी नीतियों को फिर मूल्यांकन करने का मौका दिया है। चूंकि चीन राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को पारित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, इसलिए अमेरिका हांगकांग को अमेरिकी मूल के रक्षा उपकरणों को रोक रहा है।”
साथ ही उन्होंने कहा कि यह फैसला अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए लिया गया है। अब हम यह भेद बिलकुल नहीं करेंगे कि ये उपकरण होंगकोंग को निर्यात किए जा रहे हैं या फिर चीन को। हम इस बात का खतरा बिलकुल नहीं उठा सकते हैं कि ये उपकरण और तकनीक चीन की सेना पीपल्स लिबरेशन के पास पहुंचे जिसका मुख्य मकसद कम्युनिस्ट पार्टी की तानाशाही को किसी भी प्रकार बरकरार रखना है।
सोमवार को चीन ने कहा कि वह हांगकांग से संबंधित मुद्दों पर ‘गलत रुख’ दिखाने वाले अमेरिकी अधिकारियों पर वीजा प्रतिबंध लगा कर इसका जवाब देगा। इसकी घोषणा चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने अपनी दैनिक ब्रीफिंग में की परन्तु उन्होंने इसपर पूरी जानकारी नहीं दी। अभी यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं है कि इस कदम से केवल अमेरिकी सरकार के अधिकारियों को ही निशाना बनाया जाएगा या निजी क्षेत्रों के अधिकारी भी इसके निशाने पर होंगे।
चीन ने यह बात उस वक्त कही जब मंगलवार को उसके द्वारा हांगकांग के लिए लाए गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को मंजूरी मिलने की पूरी संभावना थी।इसपर आलोचकों का कहना है कि इस कानून से हांगकांग में विपक्ष की राजनीति और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सीमित हो जाएगी। इस मुद्दे पर अमेरिका का कहना है कि वह होंगकोंग को दी गई अनुकूल व्यापारिक सुविधाओं को समाप्त कर इसका जवाब जरूर देगा। इसपर झाओ ने एक बार फिर चीन के रुख को दोहराते हुए कहा कि यह कानून पूरी तरह से चीन का एक आंतरिक मामला है और इसमें किसी भी देश को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है।

