एक तरफ जहां राम मंदिर के उद्घाटन के जश्न में पूरा देश मग्न है वहीं दूसरी तरफ सरकार देश में एनआरसी को लागू करने की योजना बना रही है। कयास लगये जा रहे हैं कि भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले देश में एनआरसी लागू कर देगी जिसका नकारात्मक असर देश की नीव को हिला सकता है। एनआरसी के मुद्दे को लेकर राजनीतिक गलियारे में भी काफी बहस छिड़ गई है। जिसके चलते पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव से पहले संशोधित नागरिकता अधिनियम यानी सीएए का मुद्दा उठाने के लिए भाजपा सरकार की आलोचना की है। उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को ‘एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) के जाल’ में फंसने से बचने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा कथित तौर पर जारी किए गए अलग-अलग पहचान पत्र स्वीकार करने के प्रति आगाह भी किया है।
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने कूच बिहार में स्थानीय लोगों, विशेषकर राजबोंग्शी लोगों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि उनके नाम मतदाता सूची होने चाहिए ताकि वे सीएए से खुद को बचा सकें। ममता ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव से पहले राजनीति करने के लिए सीएए का मुद्दा उठा रही है। बीएसएफ ने ममता बनर्जी की सुरक्षा बल के खिलाफ टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा कि बीएसएफ कभी भी अलग से पहचान पत्र जारी नहीं करता।
ममता ने एक प्रोग्राम में सम्बोधन करते हुए कि ‘उन्होंने यानी भाजपा ने फिर से सीएए के बारे में बोलना शुरू कर दिया। यह राजनीति के अलावा और कुछ नहीं है। हमने सभी को नागरिकता दी और सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों को भी सब कुछ मिल रहा है। वे नागरिक हैं, इसलिए उन्हें वोट करने की अनुमति दी गई है।’ पश्चिम बंगाल के केंद्रीय राज्य मंत्री और भाजपा नेता शांतनु ठाकुर ने रविवार को दावा किया कि अगले सात दिन के भीतर पूरे भारत में सीएए लागू कर दिया जाएगा। ठाकुर ने दक्षिण के परगना जिले के काकद्वीप में एक जनसभा में कहा था, ‘अगले सप्ताह के भीतर, सीएए न केवल पश्चिम बंगाल में बल्कि पूरे देश में लागू हो जायेगा।’
कूचबिहार में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ममता ने बीएसएफ पर ‘लोगों को प्रताड़ित करने के आरोप के साथ-साथ सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को अलग पहचान पत्र जारी करने’ का भी आरोप लगाया है। उन्होंने स्थानीय लोगों को आगाह किया कि वे बीएसएफ से ऐसे पहचान पत्र स्वीकार नहीं करें, अन्यथा वह ‘एनआरसी के जाल में फंस सकते हैं। बीएसएफ लोगों पर अत्याचार कर रही है।
उन्होंने कहा, ”अगर वे आपसे पूछें, तो उन्हें बताएं कि आपके पास आधार व राशन कार्ड हैं और आपको किसी अन्य कार्ड की ज़रूरत नहीं है। अगर आप उनके कार्ड को स्वीकार करते हैं, तो आप एनआरसी के जाल में फंस जाएंगे और आपको वह नागरिक सूची से बाहर निकाल देंगे। लेकिन डरो मत.. मैं तुम्हारी रक्षा के लिए शेरनी की तरह हमेशा मौजूद हूं और रहूंगी।’
मुख्यमंत्री के आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बीएसएफ के पुलिस उपमहानिरीक्षक ने कहा, कि बीएसएफ ने कभी भी कोई अलग पहचान पत्र जारी नहीं किया है। हम सीमा से लगे इलाकों में केवल आधार, पैन, मतदाता पहचान पत्र और पासपोर्ट जैसे केंद्र सरकार द्वारा अनुमति वाले पहचान पत्र ही स्वीकार करते हैं।’
इससे पहले ममता ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाया कि वह लोगों को धमकी दे रही है कि अगर उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव में उसे वोट नहीं दिया तो उनके घर केंद्रीय जांच एजेंसियों को भेज दिया जाएगा। भाजपा, चुनाव के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि वह किसी विशेष भगवान की पूजा करने के भाजपा के किसी भी फरमान का पालन नहीं करेंगी। मैं रामायण, कुरान, बाइबिल और गुरु ग्रंथ साहिब पढ़ती हूं। मैं गरीबों के घर जाकर, बाहर से आया खाना खाने का नाटक नहीं करती।’
भाजपा शासित मणिपुर में जातीय हिंसा का हवाला देते हुए उन्होंने दावा किया कि पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा के दौरान 200 से अधिक गिरिजाघरों को जला दिया गया और कई महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़कों पर घुमाया गया। क्रिसमस की छुट्टियां भी रद्द कर दी गईं।

